पत्र लिखने के बजाय सत्ताधारी दल के जिम्मेदार नेता की तरह भूमिका निभाएं नवजोत सिद्धू : हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा

कृषि तथा अन्य गंभीर मामलों का पत्रों के माध्यम से मजाक न उड़ाए कांग्रेस
चंडीगढ़,13 सितंबर 2021

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को किसानों के मुद्दों पर लिखे गए पत्र को ‘न्यूज़ स्टंट’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस नेता, विशेष रूप से नवजोत सिंह सिद्धू विपक्ष की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को यहां पार्टी कार्यालय से जारी एक बयान में कहा कि नवजोत सिद्धू को अब किसानों के मुद्दों और समस्याओं पर पंजाब सरकार को पत्रों भेजने का खेल बंद कर देना चाहिए और पंजाब के मुद्दों को अपनी सरकार से गंभीरता से हल करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को चुनाव आते ही कृषि क्षेत्र में सुधार, किसानों को फसल चक्र से बाहर निकालने जैसे तमाम मुद्दे चुनावों के समय ही क्यों आते हैं।

चीमा ने सवाल किया कि ‘अगर नवजोत सिंह सिद्धू किसान नेताओं के साथ हुई बैठक में सत्ताधारी कांग्रेस की ओर से कोई ठोस वादा या नीति ही नहीं बना सकते तो वह वहां क्या करने गए थे?’ चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता किसानों के साथ हुई बैठक में किसानों की बात सुनकर उन्हें समर्थन देने की फैसला दे सकते हैं तो कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ऐसा क्यों नहीं कर सकते?

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सख्त आलोचना करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ‘‘ मुख्यमंत्री ने किसानों के कोई भी वादे पूरे नहीं किए, जिस कारण किसानों को अपनी मांगें मनवाने के लिए पंजाब सरकार के खिलाफ भी केंद्र सरकार की तरह संघर्ष करना पड़ रहा है। फिर चाहे गन्ने के दाम का मामला हो या मंडियों में फसलों की खरीद का मामला हो।’’

उन्होंने कहा कि नवजोत सिद्धू मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर समाचारों के माध्यम से क्रेडिट तो जरूर ले लिया है ,लेकिन किसानों की समस्या अभी भी अनसुलझी है। चीमा ने सिद्धू को नाटक छोड़कर सत्ताधारी दल के नेता की भूमिका निभाने का आह्वान किया, नहीं तो पंजाब के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने विधायकों और मंत्रियों का विश्वास खो दिया है और कांग्रेस पार्टी के भीतर उनके खिलाफ आपसी मतभेद चल रहा है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद शमशेर सिंह दूलों और माझा से विधायक सुरजीत सिंह धीमान समेत युवा विधायक भी मुख्यमंत्री की कार्यशैली का विरोध कर रहे हैं। इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।