पंजाब में शासन, कानून–व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई
चंडीगढ़/16दिसंबर: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल राज्य में ‘‘ जंगल राज के हालातों तथा राज्य में कानून व्यवस्था का पूरी तरह ध्वस्त होने वाली स्थिति से डरे लोगों में सुरक्षा भावना पैदा करने के लिए पंजाब के सभी जिलों में विश्वास बहाली के ‘‘ पंजाब बचाओ ’’ दौरा करेंगें।
इस संबंधी निर्णय आज शाम यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग में लिया गया। मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे सरदार बादल ने राज्य में पनप रहे भय के माहौल के बारे में सदस्यों द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को साझा किया। उन्होने कहा, ‘‘ राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नही है , क्योंकि पंजाब एक मुख्यिाविहीन राज्य बन गया है। आप पार्टी की सरकार विशेष रूप से मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शांति और साम्प्रदायिक सदभाव सुनिश्चित करने की अपनी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है तथा राज्य को गिरोहों और गुंडों के हवाले कर दिया है तथा मंत्रियों को सार्वजनिक समारोहों में औपचारिक अनुष्ठान करने के लिए सीमित कर दिया गया है। सरदार बादल ने कहा कि ‘‘ पुलिस और अफसरशाही की स्थिति प्रभावहीन हो गई है’’।
अकाली नेता ने कहा कि हालांकि सभी पंजाबी जीवन और संपत्ति के बारे में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, लेकिन शहर की आबादी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है, जिन्हे जबरन वसूली और फिरौती के लिए आधी रात को दी दस्तक से भी डर लगने लगा है। उन्होने कहा, ‘‘ यह वह पंजाब नही है जो सरदार परकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली दल की सरकार द्वारा उतराधिकारी सरकार को विरासत में दिया गया पंजाब नही है, जिसने शासन मे ंहमेशा शांति और साम्प्रदायिक सदभाव को ही प्रमुख रखा।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मीटिंग में चारो साहिबजादों तथा इतिहास के अन्य निडर यौद्धाओं की शहादत देकर श्रद्धा के फूल अर्पित किए गए।
मीटिंग में अकाली दल के सरपरस्त सरदार रंजीत सिंह ब्रहमपुरा तथ्ज्ञा हरभजन सिंह मसाणा (हरियाणा) के सम्मानीय पिता स. दलीप सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया तथा दिवंगत आत्मा के सम्मान में दो मिन्ट का मौन रखा गया।
उन्होने बताया , ‘‘ जालंधर में मासूम परिवारों के घरों को उजाडने के पीछे सरकार ने जमीन हड़पकर उन्हे घरो ंसे बाहर निकाल दिया गया , जिनमें वे सदियों से रह रहे थे और जिसे उन्होने अपने मेहनत पसीने से बनाया था। उन्होने अनगिनत निर्दोष परिवारों के घरों को उजाड़ने के पीछे सरकार के जमीन हड़पने वाले जमीन माफिया के बीच मिलीभगत के जिम्मेवार है। उन्होने कहा कि ‘‘ यदि कोई कानूनी मामला बनता था तो सरकार ने बहुत ज्यादा असंवेदनशीलता दिखाई तथा बच्चों ,महिलाओं तथा बुजूर्गों को घरों से निकाल दिया जो सर्द रातों को सड़को पर काट रहे हैं। उन्होने कहा कि सरकार इन घरों में रहने वालों को सस्ती दरों पर अलॉट कर सकती थी यां फिर इनके घर खाली करवाने से पहले इन्हे वैकल्पिक मकान आंवटित कर सकती थी।
जालंधर में गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक मर्यादा को बाधित करने से जुड़े विवादों पर डॉ. चीमा ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और एसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी आज इस मामले से रोपड़ में इस पर विचार कर रही है।
डॉ. चीमा ने अल्पसंख्यक समुदायों के चेयरमैन सरदार इकबाल सिंह लालपुरा द्वारा छात्रों को छात्रवृत्ति नही दिए जाने के मामले पर चुप्पी साधने के लिए निंदा की।
स्रदार बादल की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में स. बलविदंर सिंह भूंदड़, सरदार परमजीत सिंह सरना स. महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, स. बिक्रम सिंह मजीठिया, स. इकबाल सिंह झूंदा , स. सिकंदर सिंह मलूका, स. विरसा सिंह वल्टोहा, स. शरनजीत सिंह ढ़िल्लों , स. सुरजीत सिंह रखड़ा, स. हीरा सिंह गाबड़िया, स. गुरबचन सिंह बब्बेहाली, स. लखबीर सिंह लोधीनंगल , अनिल जोशी, एनके शर्मा, स. गुरप्रताप सिंह वडाला, डॉ. सुखविंदर सुक्खी और बीबी सुनीता चौधरी भी मौजद थे।

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