सरदार सुखबीर सिंह बादल ने 30 हजार अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने के लिए शिरोमणी अकाली दल के कार्यकाल के दौरान पारित एक्ट को लागू करने की मांग की

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कहा कि यदि कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को नियमित न किया तो शिरोमणी अकाली दल कर्मचारियों को न्याय सुनिश्चित कराने के लिए आंदोलन करेगा तथा राज्य में सरकार बनने के बाद उनकी सेवाओं को नियमित करेगा
पार्टी इस मुददे को विधानसभा सैशन में उठाएगी
चंडीगढ़/08जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कांग्रेस सरकार से ठेके, दिहाड़ी , एडहाॅक , अस्थायी कार्य प्रभारी और आउटसोर्स कर्मचारी कल्याण अधिनियम-2016 को तुरंत लागू करने की मांग की।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले साढ़े चार साल से 30 हजार अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करने से इंकार कर दिया , हालांकि पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका वादा किया था। उन्होने अनुबंधित कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि शिरोमणी अकाली दल इन वादों को लागू करवाने के लिए आदंोलन करेगा तथा यदि कांग्रेस सरकार इन वादों को पूरा करने में नाकाम रहती है तो 2022 में शिरोमणी अकाली दल की सरकार बनते ही उनकी सेवाओं को नियमित करेगा।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल की सरकार ने फैसला किया था कि तीन साल से अधिक समय से राज्य सरकार की संस्थाओं के तहत एडहाॅक, दैनिक वेतन, अस्थायी, आउटसोर्स आाधार पर काम कर रहे कर्मचारियों के ‘ए’ ,‘बी’, ‘सी’, ‘डी’
समूह की सेवाओं को नियमित किया जाएगा। उन्होने कहा कि इस एक्ट को 24 दिसंबर 2016 को पंजाब सरकार के गजट में अधिसूचित किया गया था, लेकिन चूंकि जनवरी, 2017 के पहल सप्ताह में आम चुनावों की घोषणा की गई थी, इसे लागू नही किया गया था।
सरदार बादल ने कहा यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की बागडोर संभालने के बाद कांग्रेस सरकार ने इन कर्मचारियों को नियमित करने के बजाय उनकी वास्तविक मांग को नजरअंदाज कर दिया तथा उनसे बातचीत करने से भी इंकार कर दिया है। शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग सहित संविदा कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया गया , यहां तक कि महिला कर्मचारियों के साथ हाथापाई भी की गई। हाल ही में अनुबंधित महिला शिक्षकों को पानी की बोछारें चलाई गई , क्योंकि उन्होने अपने केस के संबंध में कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने की कोशिश की थी। मुख्यमंत्री ने आंदोलन करने वाले कर्मचारियों से मिलने से इंकार कर दिया , और सरकार का रवैया ऐसा है कि हाल ही में जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत 9000 कान्ट्रेक्ट कर्मचारियों ने अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग की, क्योंकि उन्हे टर्मिनेट कर दिया गया था। उन्होने कहा कि ’यह उन कर्मचारियों के साथ किया गया जिन्होने कोविड महामारी के दौरान काम किया था’।
कांग्रेस सरकार के कर्मचारी विरोधी है , पर जोर देते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से इस सरकार में कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। ‘ पहले वेतन आयोग मे जानबूझकर साढ़े चार साल देरी की गई, जिसके बाद कर्मचारियों को उनके भत्तों को कम रकने और यहां तक कि नए वेतन आयोग के तहत बंद कर दिया गया था’। उन्होने कहा कि हजारों कर्मचारियों की सेवाएं बिना कारण के बंद कर दी गई, और उनके पद को भरने को भरा नही गया। ‘ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बेरोजगार युवाओं को 2500 रूपये प्रतिमाह भत्ता देने के अलावा पंजाब के युवाओं को 25 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। सरकार ने कांग्रेस विधायकों और नेताओं के बेटों और रिश्तेदारों सहित केवल अपने चहेतों को नौकरियां दी है’।
सरदार बादल ने कहा कि पार्टी आगामी विधानसभा सैशन में इस मुददे को जबरदस्ती उठाएगी। ‘ हम विधानसभा में इस मुददे पर विशेष चर्चा की मांग करेंगे ताकि 30 हजार ठेके पर रखे कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए उचित कानून बनाया जा सके’।