शिरोमणि अकाली दल द्वारा राज्य के कृषि संशोधन बिलों को रद्द करना भाजपा के साथ मिलीभगत को दर्शाता है
शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष द्वारा विधानसभा में पास प्रस्तावों और बिलों संबंधी झूठ का भंडाफोड़, यू-टर्न संबंधी सुखबीर के तर्क नकारे
चंडीगढ़, 23 अक्तूबर:
कृषि कानूनों संबंधी शिरोमणि अकाली दल द्वारा लिए गए एक और यू-टर्न के लिए अकालियों पर बरसते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को सुखबीर सिंह बादल को आड़े हाथों लिया और कहा कि शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष ने अपनी संकुचित राजनैतिक चालों और झूठ से किसानों के हितों को बार-बार चोट पहुंचाई है और उसकी यह राजनैतिक चालें साफ़ तौर पर केंद्र सरकार के किसान विरोधी एजंडे को आगे बढ़ा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के संशोधन बिलों को, जिनका उसकी पार्टी ने विधानसभा में समर्थन किया था, रद्द करके सुखबीर ने न सिफऱ् अपने नैतिकता रहित होने का प्रदर्शन सरेआम कर दिया है बल्कि भाजपा नेताओं के हालिया बयानों की भी पुष्टि की है। उन्होंने आगे कहा कि इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के दरमियान सांठ-गांठ है और हरसिमरत बादल का केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफ़ा देना और अकालियों की तरफ से एन.डी.ए. से नाता तोडऩा और कुछ नहीं सिफऱ् एक विश्वासघात था जिसका मकसद किसानों को धोखा देना और केंद्रीय कानूनों के खि़लाफ़ उनकी जंग को कमज़ोर करना था।
मुख्यमंत्री ने बीते कुछ महीनों के दौरान अकालियों के कारनामों संबंधी राज़ खोलते हुए आगे कहा कि पहले आपने पूरे तन-मन से केंद्र सरकार के मित्र भावना के साथ बनाए गए कृषि ऑर्डीनैंसों को समर्थन दिया और फिर उनके बिलों को किसान विरोधी कहते हुए एन.डी.ए. का साथ छोड़ दिया और उसके बाद किसानों के समर्थन के बहाने राजनैतिक ड्रामेबाजिय़ां करते हुए पूरे राज्य में रोष रैलियाँ कीं। इतना ही नहीं आपने पहले तो राज्य सरकार के संशोधन बिलों के हक में खुल कर वोट दिया और अब इनको रद्द कर रहे हो।
उन्होंने आगे बताया कि शिरोमणि अकाली दल द्वारा पंजाब और इसके किसानों से जुड़े इतने गंभीर मसले संबंधी बार-बार यू-टर्न लेना यह साबित करता है कि वह अपने राजनैतिक हितों को साधने के लिए शैतान के साथ भी हाथ मिलान से परहेज़ नहीं करेंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि इस सबके बावजूद क्या आप सच में यह आशा करते हो कि किसान आपके द्वारा उनके हित पूरे किए जाने हेतु किये जाते दावों पर विश्वास करेंगे। उन्होंने सुखबीर को चुनौती देते हुए कहा कि शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष एक वजह बताए कि क्यों पंजाब के लोग ख़ासकर किसान उसकी पार्टी पर भरोसा करें। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अकालियों ने किसानों को अपनी राजनैतिक शतरंज का मोहरा बनाकर रख दिया है और इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि बादल परिवार अपने संकुचित हितों की रक्षा के लिए इस हद तक गिर गया है।
मुख्यमंत्री ने सुखबीर का यह तर्क रद्द कर दिया कि अकालियों को राज्य सरकार के संशोधन बिलों को ठीक तरह से पढऩे का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यह संभव ही नहीं हो सकता जबकि अकालियों के पास बड़े स्तर पर कानूनी मामलों के जानकार मौजूद हैं। सुखबीर बादल द्वारा किये गए इस दावे कि उनकी पार्टी के विधायकों ने बिना अच्छी तरह अध्ययन किए पेश बिलों के हक में वोट दे दिया, संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि शायद यही कारण है कि अकाली बीते 6 सालों से सभी प्रकार के लोक विरोधी, भारत विरोधी और पंजाब विरोधी बिलों पर मोहर लगाते रहे हैं।
विधानसभा में पास किये प्रस्तावों संबंधी खुलेआम शर्मनाक झूठ बोलने के लिए अकाली दल के अध्यक्ष की आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कहीं भी यह जि़क्र नहीं किया गया कि पंजाब सरकार पूरे राज्य को प्रमुख मंडी क्षेत्र घोषित करने के लिए वचनबद्ध है जैसा कि सुखबीर दावा कर रहा है। सुखबीर की दलील को हास्यप्रद करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या आप यह कहना चाहते हो कि आपके विधायकों को 370 शब्दों का प्रस्ताव पढऩे और समझने में दिक्कत थी जिसमें 100 शब्द तो केवल ऑर्डीनैंसों/ऐक्टों के नाम थे?
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में राज्य को प्रमुख मंडी क्षेत्र घोषित करना ज़रूरी नहीं था बल्कि एम.एस.पी. की रक्षा करना ज़रूरी था और यह यकीनी बनाना कि बिना किसी दंडनीय कार्यवाही के राज्य अपना कंट्रोल कायम रखे। यही किसानों की मुख्य चिंता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कानूनी और माहिरों की राय लेने के बाद सबसे अच्छा तरीका चुना परन्तु अकाली विशेष तरीकों पर अड़े हुए हैं, चाहे ये काम करें या न करें। उन्होंने कहा कि अगर पूरे राज्य को पूरी मंडी में बदलने की कोशिश की जाती तो पहले ही लागू किये केंद्रीय कृषि कानूनों के पृष्ठभूमि में ऐसी पहुँच राष्ट्रपति की सहमति की ज़रूरत से मुक्त नहीं है और यह सहमति पंजाब की इच्छा को लागू किये जाने की सबसे तेज़ विधि है।
राज्य की संवैधानिक और कानूनी स्थिति संबंधी झूठ बोलकर लगातार किसानों को गुमराह करने के लिए भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर पर बरसे। उन्होंने कहा कि धारा 254 (ढ्ढढ्ढ) के अंतर्गत संविधान राज्यों को केंद्रीय कानूनों में संशोधन करने के लिए स्पष्ट और निष्पक्ष अधिकार देता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार के कानून भी संघीय ढांचे विरोधी होने के आधार पर जांच करने में असफल रहते हैं।

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