
चंडीगढ़ 5 दिसंबर 2021
कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस बार पर्यटकों को हरियाणा पवेलियन के द्वार से ही प्रदेश की संस्कृति के दर्शन हो जाएंगे। द्वार पर लोगों का स्वागत घोड़ी नृत्य व बीन-बाजे से किया जाएगा।
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एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ‘देसी खाणा-देसी बाणा’ थीम को जहन में रखकर तैयार की गई इस पेवेलियन में हरियाणा की प्राचीन हस्तकला के साथ-साथ प्राचीन वस्तुओं को देखने का भी सुनहरी अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि वैसे तो सुबह से शाम तक पेवेलियन में हरियाणवी रागनी, हंसी-ठठ्ठा, हरियाणवी नृत्य, लोक संगीत गूंगा धमोड़ा जैसे कार्यक्रम चलते रहेंगे, लेकिन 9 से 14 दिसंबर के बीच रोजाना महाभारत पर आधारित कोई न कोई सांग कराने पर भी योजना है। इस बार हरियाणा पेवेलियन में प्राचीन बड़ के पेड़ के चारों ओर हरियाणवी लोक संस्कृति की धमक नजर आएगी। बड़ की शाखाओं पर जहां ओर महिलाएं पींघ डालकर तीज मनाती हुई नजर आएंगी, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाएं सांझी व मांड मंडेले करती हुई दिखाई देंगी । बड़ पर गांव की दीवारों की तरह ही भित्ति चित्र भी बनाए गए हैं।

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