चण्डीगढ़, 23 मार्च – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने इस बार कपास उत्पादन का खरीफ 2022 सीजन के लिए 19.25 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा ,कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पहले ही पिंक बॉल वर्म को नियंत्रित करने के लिए कार्य योजना की समीक्षा कर ली है और फील्ड स्टाफ को अपने किसान जागरूकता अभियान को पूरा करने और पुराने कपास के ढेर की सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि आगामी 31 मार्च तक राज्य में सभी कपास पिराई कारखानों और तेल मिलों के पुराने स्टॉक की सफाई करने को कहा गया है। विभाग के महानिदेशक श्री हरदीप सिंह ने बताया कि उक्त सभी फैक्ट्री मालिकों, भारतीय कपास निगम सिरसा के अधिकारियों और फील्ड अधिकारियों के साथ गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा व निगरानी के लिए 24 मार्च 2022 को एक बैठक होगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में कपास मुख्य रूप से सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद, सोनीपत, पलवल गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, चरखी दादरी, नारनौल, झज्जर, पानीपत, कैथल, रोहतक और मेवात जिलों में उगाई जाती है। पिछले सीजन के दौरान कपास 15.90 लाख एकड़ क्षेत्र में उगाई गई थी। राज्य के कुछ हिस्सों में पिंक बॉल वर्म से कपास की फसल को नुकसान भी हुआ था। इस बार कृषि विभाग ने खरीफ 2022 सीजन के लिए 19.25 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा है। कपास में पिंक बॉल वर्म के गंभीर खतरे को ध्यान में रखते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग ने कपास उत्पादक जिलों के लगभग 85 प्रतिशत गांवों को चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के साथ मिलकर किसानों को किसान मेलों, गोष्ठियों और प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षित करने के लिए पहले ही कवर कर लिया है। कपास की खेती के क्षेत्र को बढ़ाने और बेहतर उत्पादन के लिए पूरे फसल मौसम में विभिन्न सलाह को लागू करने के लिए एक साप्ताहिक कार्यक्त्रम / गतिविधि कैलेंडर भी तैयार किया है। उपज में हानि से किसानों को बचाने के लिए पिंक बॉल वर्म के प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग ने बीटी कपास बीज के लगभग 60 लाख पैकेट की व्यवस्था भी की है जो राज्य की आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त है।

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