तम्बाकू का प्रयोग वैश्विक स्तर पर लोगों की सेहत के लिए एक बड़ा ख़तरा और तम्बाकूनोशी के साथ बढ़ जाती है कोरोनावायरस होने की संभावना

चंडीगढ़, 30 मई:
‘‘तम्बाकू का प्रयोग वैश्विक तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा ख़तरा है और तम्बाकू लोगों में कोरोनावायरस होने की संभावना को बढ़ाने वाले साधन के तौर पर काम करता है। धुआं रहित तम्बाकूनोशी करने वाले सबसे पहले ख़तरनाक बीमारियों और जल्द मौत का शिकार होते हैं, और दूसरा ऐसे प्रयोक्ताओं का सार्वजनिक स्थानों पर थूकने का रुझान होता है, जिससे कई बीमारियाँ, विशेषत: छूत की बीमारियाँ जैसे कि कोविड-19 फैलाव सम्बन्धी स्वास्थ्य जोखि़म का ख़तरा और बढ़ जाता है। यह खुलासा स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ के मौके पर किया।
मंत्री ने कहा कि धुआं रहित तम्बाकू का प्रयोग एक बुरा वातावरण भी बनाती है, जिससे बीमारियों की संभावना बढ़ती है। उन्होंने पंजाब के समूह नागरिकों से अपील की कि वह सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू का प्रयोग न करें और न थूकें  क्योंकि इससे कोविड-19 और तपेदित समेत अन्य छूत की बीमारियाँ भी फैलती हैं। अब सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए 500 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
स. सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार ने धुआं रहित तम्बाकूनोशी के घातक नुकसानों को उजागर करने और लोगों को ख़ासकर कोरोना संक्रमण के फैलने से रोकने के मद्देनजऱ तम्बाकू का सेवन न करने के लिए प्रेरित करने के तौर पर राज्य व्यापक जागरूकता मुहिम चलाई है। साक्ष-आधारित मुहिम में ‘मैं विश्वास नहीं करता’ नामक एक प्रीटेस्टड पब्लिक सर्विस घोषणा (पीएसए) की शुरूआत भी शामिल है, जिसमें बताया गया है कि धुआं रहित तम्बाकूनोशी करने वालों को कैंसर होने का अधिक ख़तरा है, जबकि ऐसा ख़तरा तम्बाकू का प्रयोग न करने वालों में कम रहता है। यह कैंसर तम्बाकू के नियमित प्रयोग के पाँच सालों के अंदर बन सकते हैं। मुहिम को विश्वव्यापी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्था की विराट तकनीकीरणनीतियों की सहायता के साथ तैयार और विकसित किया गया है।
राज्य व्यापक जागरूकता मुहिम की विशेषताओं को दर्शाते हुए उन्होंने आगे कहा कि 30 सेकंड लंबे पीएसए में बताया गया है कि धुआं रहित तम्बाकू का प्रयोग करने वाला शुरू में तम्बाकू का प्रयोग से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान में विश्वास करने से इन्कार करता है। आखिऱकार वह मुँह के कैंसर का शिकार हो जाता है और बाद में बीमारी से उसकी मौत हो जाती है। अंत तक, पीएसए लोगों को चल रही कोविड महामारी का मुकाबला करने के मद्देनजऱ तम्बाकू के प्रयोग को छोडऩे के लिए प्रेरित करता है और अगर उनको तम्बाकूनोशी छोडऩे के लिए सहायता अपेक्षित है तो नेशनल क्इट लाईन नंबर (1800-11-2356) या मिस्ड कॉल नंबर (011-22901701) पर कॉल कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य के लोगों के लिए आईपीसी 1860 की धारा 268, 269 और 278 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकूनोशी करने / तम्बाकू थूकने  पर पाबंदी लगाई है।
डॉ. नन्दिता मुरूकुटला, वाइस प्रैज़ीडैंट, ग्लोबल पॉलिसी एंड रिर्सच, पॉलिसी, एडवोकेसी एंड कम्युनीकेशन, वाईटल स्ट्रैटजीज़ ने कहा कि तम्बाकू की रोकथाम के लिए बड़े स्तर की मीडिया मुहिमें एक शक्तिशाली और प्रभावी विधि हैं। हम ‘मैं नहीं मानता’ की समय पर शुरूआत और पूरे पंजाब में मुहिम को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग की सराहना करते हैं। तम्बाकू प्रयोग के घातक स्वास्थ्य नुकसान को दिखाते हुए मुहिम मौजूदा धुआं रहित तम्बाकूनोशों और संभावित प्रयोक्ताओं को मूलभूत दौर में ही तम्बाकू छोडऩे के लिए प्रेरित करेगी।
पंजाब में तम्बाकू कंट्रोल की कोशिशों सम्बन्धी अन्य जानकारी:
पंजाब राज्य सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों (व्यापार और खऱीद कर का विज्ञापनबाज़ी और नियम, उत्पादन, सप्लाई और वितरण) एक्ट, 2003 और अन्य नियमों को लागू कर रहा है। अब तक उठाए गए कुछ बड़े कदम नीचे लिखे अनुसार हैं:-
कोटपा, 2003 अधीन चालान: राज्य में पिछले दो सालों के दौरान सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद एक्ट (कोटपा) 2003 अधीन उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कुल 21,446 (2019-20) और 23,886 (2018-19) चालान किए गए हैं।
तम्बाकू मुक्ति केंद्र: राज्य के सभी जि़लों में तम्बाकू मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केन्द्रों में तम्बाकू छोडऩे के लिए बुपरोनोरफाईन की गोलियाँ, निकोटीन ग़म और पैचस जैसी दवाएँ मुफ़्त प्रदान की जा रही हैं। इन केन्द्रों में 2019-20 के दौरान तम्बाकू का सेवन करने वाले कुल 20,239 व्यक्तियों ने सेवाएं प्राप्त की हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान बिना धुएँ वाले तम्बाकू, पान मसाले और थूकने और पाबंदी: 12 जि़लों ने सी.आर.पी.सी. एक्ट, 1973 की धारा 144 अधीन बिना धुएँ वाले तम्बाकू, पान मसाले और ऐसे अन्य उत्पादों के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, यातायात, बिक्री, वितरण, भंडारण, विज्ञापन और प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है, जो थूकने या इसका प्रयोग को प्रोत्साहित करते हैं और भयानक बीमारी के फैलाव का कारण बनते हैं।
ई-सिगरेट पर पाबंदी: पंजाब 2013 में ई-सिगरेट को ड्रग्गज़ एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के अंतर्गत अप्रवाणित दवा घोषित करने वाला पहला राज्य था। मोहाली (जुर्माना 1 लाख और 3 साल की कैद) और संगरूर (जुर्माना 55,000 रुपए और 3 साल कैद) जि़ले में दो अदालती मामलों के फ़ैसले में ई-सिगरेट बेचने वालों को ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अंतर्गत जुर्माना किया गया है।
हुक्का बार पर मुकम्मल पाबंदी: राज्य में हूक्का बार पर मुकम्मल पाबंदी लगाने सम्बन्धी पंजाब के माननीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रस्तावित बिल विधानसभा द्वारा पास किया गया है और भारत के राष्ट्रपति द्वारा मंज़ूर किया गया है (नोटीफिकेशन तारीख़ 18 सितम्बर, 2018)।
तम्बाकू मुक्त गाँव: राज्य में कुल 739 गाँव ने संकल्प लेकर ख़ुद को तम्बाकू मुक्त गाँव घोषित किया है।
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