एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा
महामारी के दौरान लाखों लोगों की नौकरी चली गई, गरीब वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुआ,लेकिन सरकार ने आंखें मूंद ली
मनरेगा के बजट में 25 फीसदी की कटौती गरीबों के प्रति भाजपा सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाती है: हरपाल चीमा
आसमान छू रही महंगाई पर काबू पाने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया, सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत बनाने की बजाय पूंजीपतियों पर मेहरबान मोदी सरकार : हरपाल सिंह चीमा

चंडीगढ़, 2 फरवरी 2022

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष  हरपाल सिंह चीमा ने केंद्रीय बजट  की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने बजट में गरीब और पिछड़े वर्ग समेत तमाम वर्ग के लोगों की उपेक्षा की है। सरकार के इस बजट को बेहद निराशाजनक बताते हुए चीमा ने कहा कि बजट ने जहां मध्यम वर्ग को निराश किया है, वहीं युवाओं, किसानों और नौकरीपेशा लोगों का भी ख्याल नहीं रखा। इससे आर्थिक त्रासदी बढ़ेगी और आम आदमी हाशिए पर जाएगा।

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चीमा ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लाखों युवा बेरोजगार हो गए, लोग अभी भी महामारी से उभरने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें  बजट से काफी आशाएं थी, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार का यह बजट जनता की कसौटी पर पूरी तरह विफल साबित हुआ है।

किसानों की बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब और किसानों के लिए कोई विशेष पैकेज की घोषणा न कर एक बार फिर अपनी किसान विरोधी सोच का परिचय दिया है। आप नेता ने कहा कि मनरेगा आवंटन में 25 प्रतिशत की कटौती भाजपा सरकार की गरीबों के प्रति संवेदनहीनता का प्रमाण है। देश में बेरोजगारी दर उच्च स्तर पर हैं,सैकड़ों लोगों की नौकरियों चली गई,गरीब और गरीब हो रहा है,लेकिन भाजपा सरकार लोगों को राहत देने की बजाए अपने अमीर कारपोरेट घरानों पर मेहरबान है।  मोदी सरकार के बजट का मकसद सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों को लाभ देना है।

चीमा ने कहा कि लंबे समय से किसान एमएसपी निर्धारित करने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने कोई भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उल्टा भाजपा शासित केंद्र सरकार ने कुल बजट में किसानों की कृषि से  संबंधित ​ हिस्सेदारी में बड़ी कटौती कर दी।

आप नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने समाज के हर वर्ग के विकास को सुनिश्चित करने और रिकॉर्ड उच्च मुद्रास्फीति दर को नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने के बजाय एक बार फिर पूंजीपतियों का साथ दिया है। चीमा ने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए सरकारी  विभाग सबसे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी  सरकार सभी प्रमुख विभागों का निजीकरण कर रही है।

हरपाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की इस बेरुखी न केवल किसानों बल्कि हर वर्ग के लोगों को निराश किया है। आम लोगों के लिहाज से सरकार का यह बजट एक बड़ी निराशा है, क्योंकि बजट से महंगाई और बढ़ेगी तथा गरीब और गरीब होगा।