आप सांसद भगवंत मान का सुखबीर सिंह बादल पर पलटवार
अगर बादल-भाजपा और कांग्रेस-कैप्टन के पास पंजाब के लिए दूरदर्शिता होती तो स्थिति इतनी दयनीय नहीं होती
आम आदमी पार्टी पंजाब और पंजाब के लोगों के लिए एकमात्र उम्मीद है
कहा, पंजाब और पंजाब की जनता के लिए केवल आम आदमी पार्टी ही एकलौती उम्मीद
चंडीगढ़, 30 दिसंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब में दशकों से सत्ता में रहे बादल, कांग्रेस, कैप्टन और बीजेपी के पास अगर पंजाब और पंजाबियों के लिए कोई दूर-दर्शिता होती तो आज पंजाब और पंजाबियों की हालत इतनी दयनीय नहीं होती। भगवंत मान ने यह प्रक्रिया अकाली दल बादल के प्रधान और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए बयान के संबंध में दी, जिसमें सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब को दूरदर्शिता वाले मुख्यमंत्री की सख्त जरूरत है।
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गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में भगवंत मान ने कहा,” सुखबीर सिंह बादल बिल्कुल सही फरमा रहे हैं कि प्रदेश को एक दूरदर्शिता वाले मुख्यमंत्री की जरूरत है, क्योंकि पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल और दो बार मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरेंद्र सिंह के पास पंजाब के लिए दूरदृष्टि नहीं थी और उनके मुख्यमंत्री रहते हुए जहां पंजाब साढ़े 3 लाख करोड़ के कर्जे में डूबा,वहीं नशे के कारण मारे गए युवाओं,गरीबी के चलते लाखों लोगों ने आत्महत्या की, पंजाब को काले युग का सामना करना पड़ा,पंजाब का पानी और जमीन व वातावरण लूटे गए। जूनियर बादल की इस इस टिप्पणी ने प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह को निकम्मे मुख्यमंत्री होने का सर्टिफिकेट भी दे दिया है और भविष्य में पंजाबियों को सचेत कर दिया है कि पंजाब जिस दयनीय स्थिति में पहुंचा दिया गया है, उस से साफ है कि बार-बार मुख्यमंत्री रहने वाले बादलों के पास दूर दूर तक कोई दृष्टि नहीं थी, जिस से पंजाब और पंजाबियों का बहुमुखी विकास हो सकता था। इस उम्र में बादलों परिवार से दूर दृष्टि की उम्मीद नहीं की जा सकती,जिस से यह परिवार पंजाब और पंजाबियों को पेश आ रही परेशानियों से निकाल सके। यही हाल भाजपा, कैप्टन और ढींढसा गुट का रहा है, ये सभी अब तक बार-बार पंजाब और केंद्र की सत्ता का सुख भोग चुके हैं।”
मान ने सुखबीर सिंह बादल पर पलटवार करते हुए कहा कि, ”बेशक ये सारे (बादल, कांग्रेस, कैप्टन, भाजपा और ढींडसा) पंजाब और पंजाबियों को रत्ती भर भी लाभकारी दृष्टि नहीं दिखा सके, लेकिन अपने परिवारों और करीबियों की अगली सात पुश्तों का बेड़ा पार कर गए।
आज से करीब 50 साल पहले जब प्रकाश सिंह बादल पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, उस समय न तो पंजाब सरकार और पंजाबी कर्जदार थे और न ही बादलों के पास सैंकड़ों बसें, सता सितारा होटल, मीडिया चैनल,हजारों एकड़ जमीन और संपत्ति थी। आज पंजाब सरकार और पंजाब की जनता अरबों रुपये के कर्ज के बोझ तले दबी है, लेकिन बादल की बसों का बेड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। आज बादलों को खुद नहीं पता है कि उनके देश और विदेश में चल रहे जहाजों (एविएशन),होटल,जमीन,संपत्ति और बैंक खातों में जमा धन की कुल कीमत क्या है। यही हाल अन्य नेताओं का भी है।
बेशक कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला के शाही परिवार के उत्तराधिकारी हैं, लेकिन 2002 में मुख्यमंत्री बनने से पहले, पटियाला में एक अफवाह थी कि शाही परिवार की मोती महल को रंग रोगन करवाने की भी हैसियत नहीं थी। दो बार मुख्यमंत्री बनने के बाद कैप्टन परिवार ने खुद तो बादल परिवार के फार्म हाउस के पास दूसरा महल बनवा लिया, साथ ही साथ पंजाब सरकार को भी 3.5 लाख करोड़ रुपये के कर्जे में डूबा दिया। किसान, मजदूर, बेरोजगार, बुजुर्ग, कर्मचारी समेत सभी वर्ग अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब की जनता बार बार धोखा खाकर आज यह बात अच्छे से समझ गई है कि उनको कांग्रेस,कैप्टन, भाजपा और बादलों जैसे नेता नहीं चाहिए, जिनकी दूर दृष्टि पंजाब और पंजाबियों तक नहीं बल्कि अपने परिवारों और कुनबों की दीवारों तक सीमित हैं।

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