विश्व का पहला ‘संस्कृत मोहल्ला’: देववाणी के पुनरुत्थान की ऐतिहासिक पहल

संस्कृत मोहल्ले का उद्घाटन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा एवं एसपी रूरल बृजेश शर्मा ने किया।

आधुनिकता की दौड़ में जब यह भाषा हाशिए पर चली गई थी, तब इसे पुनर्जीवित करने का यह संकल्प वास्तव में एक सांस्कृतिक क्रांति का सूत्रपात है।:- सत शर्मा ।

जम्मू, 14 July 2025

श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट द्वारा जम्मू के सुभाष नगर एक्सटेंशन-1 को विश्व का पहला संस्कृत मोहल्लाघोषित किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर का उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी के जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा एवं एसपी रूरल बृजेश शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

उद्घाटन समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथियों को संबोधित करते हुए सत शर्मा ने कहा कि श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री प्रदेश में देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं तथा जनसामान्य में भी इसकी चेतना जागृत करने का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक आत्मा है, अपितु यह विश्व की सबसे प्राचीन, वैज्ञानिक एवं समृद्ध भाषाओं में से एक है। वैदिक ज्ञान, उपनिषद, दर्शन, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष और व्याकरण जैसे अमूल्य ग्रंथ इसी भाषा में प्रणीत हैं। आधुनिकता की दौड़ में जब यह भाषा हाशिए पर चली गई थी, तब इसे पुनर्जीवित करने का यह संकल्प वास्तव में एक सांस्कृतिक क्रांति का सूत्रपात है।

एसपी रूरल बृजेश शर्मा ने संस्कृत को भारतीय संस्कृति की आत्मा बताते हुए कहा कि इसकी पुनर्स्थापना हेतु यह पहल अनुकरणीय एवं प्रशंसनीय है। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित प्रदेश में देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

संस्कृत माह के पावन अवसर पर संस्कृत मोहल्ले का यह भव्य उद्घाटन हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन में बड़ी संख्या में संस्कृत प्रेमियों, छात्र-छात्राओं, विद्वानों, पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति रही।

महंत रोहित शास्त्री ने स्थानीय निवासियों के साथ संवाद कर उन्हें इस सांस्कृतिक आंदोलन का सहभागी बनने हेतु प्रेरित किया। परिणामस्वरूप सुभाष नगर एक्सटेंशन-1 के नागरिकों ने इस पहल को अपनाते हुए अनेक संकल्प लिए, जिनमें प्रमुख हैं –

पूरे मोहल्ले के प्रवेशद्वार पर संस्कृत में स्वागत बोर्ड की स्थापना।

प्रत्येक घर की नेमप्लेट संस्कृत भाषा में लिखवाना।

महंत रोहित शास्त्री ने इस संस्कृत मोहल्ले को संस्कृत प्रयोगशाला के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। इसके अंतर्गत अब यह पहल एक राष्ट्रीय मॉडल बन चुकी है। देशभर से प्रतिनिधिमंडल इस प्रयोग को देखने जम्मू पहुंच रहे हैं।

नगर निगम स्तर पर संस्कृत नामों की स्वीकृति, विद्यालयों में संस्कृत जीवनशैली का प्रोत्साहन, सामाजिक आयोजनों में संस्कृत भाषा का प्रयोग तथा मोहल्लों में संस्कृत गीतों व श्लोकों की गूंज – यह सब अब एक संभावित भविष्य बन चुका है।

यह ट्रस्ट वर्षों से संस्कृत, वेद, ज्योतिष, आयुर्वेद एवं भारतीय परंपरा के संरक्षण एवं प्रचार में सक्रिय है। संस्कृत मोहल्लाइस दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ट्रस्ट द्वारा श्लोक-पाठ प्रतियोगिताएं, वेद-सम्मेलन, संस्कृत शिक्षकों का प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जाते हैं।

संस्कृत मोहल्लाकेवल एक मोहल्ले की परिकल्पना नहीं, अपितु एक सांस्कृतिक नवजागरण है। यह जनजीवन में संस्कृत को पुनः प्रतिष्ठित करने का आंदोलन है – एक ऐसी लौ, जो भावी पीढ़ियों को आलोकित करेगी।

महंत रोहित शास्त्री एवं उनके समर्पित कार्यकर्ताओं को इस ऐतिहासिक पहल के लिए कोटिशः बधाई। अब यह उत्तरदायित्व हम सभी का है कि इस ‘संस्कृत दीप’ को पूरे भारतवर्ष में प्रज्वलित करें।

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान निदेशक मंडल सदस्य आर.के. छिब्बर, पूर्व पार्षद हरजीत मनकोटिया, प्रो. शरद शर्मा, प्रभात सिंह, डॉ. विश्व गुप्ता (निदेशक, कालिंदी नरसिंह होम), एम.एल. वर्मा, प्रमोद शर्मा, आशीष गुप्ता, सुनील सिंह रायपुरिया, विनय अग्रवाल, दिल बहादुर सिंह, लक्की शर्मा, योगराज अबरोल, रविकांत गुप्ता, सुनील वैद, सतीश मालदार, विनोद सबरवाल, डॉ. अरुण गुप्ता, अशोक शर्मा, अनिल गुप्ता, सुशील दत्ता सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।