यूथ अकाली दल द्वारा प्लाज्मा बैंक की स्थापना की घोषणा

 

 सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने संख्या जारी करते हुए कहा  कि मरीज प्लाज्मा दान लेने के लिए आगे  सकते हैं

 कहा कि केंद्र तथा पंजाब सरकार  कोविड मामलों में बढ़ोतरी  तथा मृत्यु दर के लिए समान रूप से जिम्मेदार

 चंडीगढ़/30अप्रैल: यूथ अकाली दल ने आज राज्य में प्लाज्मा बैंक खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें 200 लोगों को प्लाज्मा देने की व्यवस्था है तथा वह तुरंत  प्लाज्मा दान देने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

 

इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए यूथ अकाली दल के अध्यक्ष सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल की अपील के बाद स्थापित किए गए बैंक द्वारा सभी पात्र दानदाताओं तक पहुंचाकर बढ़ाया जाएगा। उन्होने खुलासा किया कि पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया सहित अन्य नेता जो कोविड पाॅजिटिव आए थे , ने इस पहल के लिए पंजीकरण के लिए पहलकदमी की है।

 

सरदार परमबंस रोमाणा ने कहा कि दानदाताओं के नाम के साथ साथ  ब्लड ग्रूप तथा टेलीफोन नंबरों के लिए उचित विज्ञापन किया जाएगा। उन्होने एक साथ तीन टेलीफोन नंबर- 99080 00013,97791 71507, 84275 44763जारी किए, जो प्लाज्मा बैंक की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए संपर्क किया जा सकता है। सरदार रोमाणा ने कहा कि प्लाज्मा की आवश्यकता वाले मरीज उन्हे ट्विटर पर टैग भी कर सकते हैं तथा वह उन्हे तुरंत जवाब भी देंगें’। ‘ यूथ अकाली दल यह सुनिश्चित करेगा कि प्लाजमा की उपलब्धता की कमी के कारण किसी का जीवन न जाए।

 

इस बीच सरदार रोमाणा  ने कहा कि कोविड मामलों में बढ़ोतरी के साथ साथ मृत्यु दर के लिए केंद्र के साथ साथ पंजाब सरकार भी समान रूप से जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य बुनियादी ढ़ांचे को बढ़ाने के बजाय कई राज्यों में चुनावों पर ध्यान केंदित कर रखा है। भाजपा की अगुवाई वाली सरकार चुनावों वाले राज्यों में रैलियां करने  के बारे ज्यादा चिंतित है जिससे वहां महामारी बहुत तेजी से फैल रही है। इसके अलावा  दवाओं  तथा वैक्सीन की व्यवस्था करने  वाला समय गवां दिया है जिससे वायरस के बेहद भयावह परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

 

पंजाब सरकार की भूमिका के बारे में बोलते हुए सरदार रोमाणा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह  अग्रिम रूप से अगुवाई करने में नाकाम रहे हैं। ‘ मुख्यमंत्री ने एक साल से अधिक समय से अपने आप को फार्म हाउस पर बंद कर रखा है’। कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री का अनुकरण किया है जिसके कारण पंजाब में महामारी के फैलाव को रोकने के लिए कोई प्रभावी उपाय नही किए गए हैं । आंकड़ों से यह बात साफ रूप से पता चलती है। पंजाब में कोविड से 9000 मौतेें  हो चुकी हैं। राज्य का मृत्यु दर देश के