यूथ शिरोमणी दल द्वारा स. बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झूठा और बेबुनियाद केस दर्ज करने के विरोध में जिला मुख्यालयों पर धरना

ਯੂਥ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਵੱਲੋਂ ਬਿਕਰਮ ਸਿੰਘ ਮਜੀਠੀਆ ਖਿਲਾਫ ਝੂਠਾ ਤੇ ਨਿਰਾਧਾਰ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕਰਨ ਖਿਲਾਫ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਹੈਡਕੁਆਟਰਾਂ ’ਤੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਧਰਨੇ
ਯੂਥ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਵੱਲੋਂ ਬਿਕਰਮ ਸਿੰਘ ਮਜੀਠੀਆ ਖਿਲਾਫ ਝੂਠਾ ਤੇ ਨਿਰਾਧਾਰ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕਰਨ ਖਿਲਾਫ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਹੈਡਕੁਆਟਰਾਂ ’ਤੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਧਰਨੇ
झूठे और निराधार मामले दर्ज करने के लिए जिम्मेदार सभी लोगों पर केस दर्ज किया जाए: सरदार परमबंस सिंह रोमाणा
कहा कि स. मजीठिया को झूठे मामले में फंसाने के लिए कांग्रेस सरकार ने डी.जी.पी चटटोपध्याय और बीओआई के आई जी गौतम चीमा के साथ मिलकर सौदा किया
चंडीगढ़/31दिसंबर 2021
यूथ शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष स. परमबंस सिंह रोमाणा की अगुवाई में पूर्व मंत्री स. बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झूठा व निराधार केस दर्ज किए जाने के विरोध में यूथ अकाली दल ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया और राज्यपाल के नाम एसएसपी को मेमोरेंडम सौंपा।

और पढ़ें :-पंजाब में हर हालत में शांति और भाईचारा रखेंगे कायम- अरविंद केजरीवाल

इन धरनों में यूथ अकाली दल और भारतीय छात्र संगठन (एसओआई) के सदस्यों नौजवानों की भारी भीड़ इस धरने में शामिल हुई, जहं नौजवानों ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा झूठा मामला दर्ज करने के मामले का विरोध किया।
पोस्टर और बैनर लेकर नौजवानों ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी , गृहमंत्र सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि इन नेताओं ने खुले तौर पर वरिष्ठ अकाली लीडरशीप को झूठे मामलों में फंसाने का ऐलान किया था।

फरीदकोट में यूथ अकाली दल के अध्यक्ष स. परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि राज्य के युवा स. मजीठिया के खिलाफ इस कार्रवाई से नाराज हैं, क्योंकि स. मजीठिया बहुत लोकप्रिय नेता हैं। उन्होने कहा कि  नौजवान चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ अहम भूमिका निभाएंगें और चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ मतदाताओं की भारी भागीदारी सुनिश्चित करके अपना गुस्सा बाहर निकालेंगें।

यूथ अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि स. मजीठिया के खिलाफ पूरा मामला मनगढ़ंत था, क्योंकि दो डीजीपी बदल दिए गए थे और तीसरे डीजीपी एस चटटोपध्याय को कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक एजेंडे को लागू करने के लिए नियुक्त किया गया था।यह पहली बार है कि किसी मामले की दोबारा जांच की जा रही है

उन्होने यह भी मांग की कि स. मजीठिया के खिलाफ झूठा और बेबुनियाद मामला दर्ज करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि सोशल मीडिया में इस बात के पर्याप्त सबूत हैं, जिसमें श्री नवजोत सिद्धू और अन्य ने इस मामले में स. मजीठिया  को फंसाने का दावा किया था। उन्होने कहा कि इन सभी पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में मामले की जांच की जानी चाहिए।