’युद्ध नशों विरुद्ध’ के 300 दिन पूरे, नशा तस्करों पर मान सरकार का बड़ा प्रहार!

‘युद्ध नशों विरुद्ध’ का पैमाना, इरादा, अमल और सफलता बेमिसाल है; यह तब तक नहीं रुकेगा जब तक पंजाब नशा मुक्त नहीं हो जाता: बलतेज पन्नू

राज्यव्यापी जागरूकता अभियान का दूसरा चरण 7 जनवरी से 25 जनवरी तक चलेगा: बलतेज पन्नू

‘पिंड दे पहरेदार’ बने ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ की रीढ़ की हड्डी, एक लाख वॉलंटियर कर रहे हैं पंजाब के गांवों की रखवाली

चंडीगढ़, 24 दिसंबर 2025

मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने अपने प्रमुख नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ के 300 दिन पूरे कर लिए हैं। यह नशाखोरी और तस्करी के खिलाफ राज्य की योजनाबद्ध लड़ाई में एक बड़ा मील का पत्थर है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आप पंजाब के महासचिव और मीडिया प्रभारी बलतेज पन्नू ने इस अभियान को एक ऐतिहासिक और जन आंदोलन बताया। उन्होंने कहा कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ का स्तर, नीयत और अमल न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में बेमिसाल है।

1 मार्च 2025 से 23 दिसंबर 2025 तक के सरकारी आंकड़े साझा करते हुए बलतेज पन्नू ने बताया कि सरकार की अटल राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण पंजाब पुलिस ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान 28,485 मामले दर्ज किए गए और 41,517 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

बरामद किए गए नशीले पदार्थों में हेरोइन: 1,819.669 किलो, अफीम: 594.671 किलो, भुक्की/हरे पौधे: 27,160.449 किलो, चरस: 40.764 किलो, गांजा: 577.472 किलो, कोकीन: 4.364 किलो, आइस (सिंथेटिक ड्रग): 25.212 किलो और नशीला पाउडर: 40.551 किलो शामिल है। इसके अलावा 1,666 इंजेक्शन, 46,03,652 प्रतिबंधित गोलियां/कैप्सूल और 15.23 करोड़ रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई है।

मान सरकार का ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान सिर्फ पुलिस कार्रवाई नहीं, एक चौतरफा रणनीति

बलतेज पन्नू ने कहा कि यह अभियान कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जा रहा है। जहां पंजाब पुलिस सख्ती से कानून लागू कर रही है, वहीं प्रशासन और ‘नशा मुक्ति मोर्चा’ पुनर्वास और रोकथाम के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं।

सरकारी नशा छुड़ाऊ केंद्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल दी गई है। उन्हें उपेक्षित जगहों से बेहतरीन रिकवरी सेंटरों में तब्दील कर दिया गया है, जहां जरूरी दवाइयां, अच्छा भोजन, साफ-सुथरा रहन-सहन, खेल सुविधाएं और रचनात्मक गतिविधियां सुनिश्चित की गई हैं। पुस्तकालय, जो कभी बंद रहते थे, अब प्रेरणादायक साहित्य और पंजाबी व हिंदी के अखबारों से भरे हुए हैं।

जन आंदोलन: राज्य से गांव स्तर तक का ढांचा

नशा मुक्ति मोर्चे के तहत पंजाब को पांच जोन में बांटा गया था: माझा, दोआबा, मालवा पूर्वी, मालवा पश्चिमी और मालवा केंद्रीय। इस आंदोलन का एक मुख्य स्तंभ गांवों की रक्षा समितियां हैं, जिन्हें अब ‘पिंड दे पहरेदार’ के नाम से जाना जाता है। इनकी संख्या लगभग एक लाख वॉलंटियरों तक पहुंच गई है।

दूसरा चरण 7 जनवरी से शुरू

बलतेज पन्नू ने घोषणा की कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ का दूसरा चरण 7 जनवरी से 25 जनवरी तक चलेगा। उन्होंने कहा कि यह किसी पार्टी या सरकार का अभियान नहीं है, यह पंजाबियों का पंजाब के लिए एक मिशन है।

अभियान के कमजोर पड़ने के दावों को खारिज करते हुए पन्नू ने कहा कि कुछ लोगों का मानना था कि यह कुछ हफ्ते या महीने चलेगा, लेकिन 300 दिनों के बाद भी यह धीमा नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि हम तब तक जारी रहेंगे जब तक पंजाब पूरी तरह नशा मुक्त नहीं हो जाता।

उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे दूसरे चरण में भी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों। उन्होंने कहा कि एक लाख पहरेदारों के सहयोग से इस अभियान का असर आने वाले दिनों में और भी स्पष्ट दिखाई देगा।