कोलेस्ट्रॉल को कैसे नियंत्रित करें।

बढ़ती उम्र के साथ लोगों में बीमारियां बढ़ना साधारण बात है। यहबीमारियां एक व्यक्ति के खान-पान, जीवन शैली व अन्य कारणों की वजहसे बढ़ती है। कोलेस्ट्रॉल की समस्या अन्य कारणों से बढ़ती है जिसमें से एकमोटापा है। आजकल लोगों की दिनचर्या में चलना या टेहलना बहुत कम होचुका है जिस कारणवश लोग एक ही स्थान पर घंटों बैठे रहते है और स्वस्थआहार की जगह तले हुए खाने व अस्वस्थ खदया पदार्थों का सेवन करते है।ऐसे में अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना आवश्यक है और कोलेस्ट्रॉल जैसीसमस्याओं को नियंत्रित करना भी जरूरी हो गया है ।

 

1. ग्रीन टी

पानी के बाद सबसे अधिक खपत तरल, ग्रीन टी पॉलीफेनोल का एक समृद्ध स्रोत है। ये यौगिक मानव शरीर को अत्यधिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। ग्रीन टी में सबसे अधिक सांद्रता पॉलीफेनॉल्स से जुड़ी होती है जो न केवल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करती है बल्कि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ाती है।

 

2. धनिया

विनम्र धनिया के बीज का उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों के लिए किया गया है। लंबी सूची के बीच, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करना उनमें से एक है। धनिए के बीज में फोलिक एसिड, विटामिन ए और बीटा-कैरोटीन जैसे कई प्रमुख विटामिन होते हैं, और सबसे महत्वपूर्ण, विटामिन सी भी होता है।

 

3. मेथी के बीज

मेथी के बीज का उपयोग एक लोकप्रिय  मसा ले, स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट और औषधीय पौधे के रूप में पुराने समय से किया जाता रहा है। मेथी के बीज विटामिन ई से भरपूर होते हैं और इसमें एंटीडायबिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। मेथी में पाए जाने वाले सैपोनिन्स शरीर से कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करते हैं और इसका फाइबर लिवर में संश्लेषण को कम करने में मदद करता है। रोजाना ½ से 1 चम्मच मेथी दाना खाने की सलाह दी जाती है।

 

4. आंवला

यह खनिज और अमीनो एसिड के अलावा विटामिन सी और फेनोलिक यौगिकों के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है। आंवले के फल को आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए रसियन के रूप में इस्तेमाल किया गया है। आंवला का दैनिक सेवन न केवल खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, बल्कि ऑक्सीकरण के कारण होने वाले नुकसान को भी कम करता है। रोजाना एक से दो आंवले फलों का सेवन किया जा सकता है।