बेअदबी का राजनीतिकरण करने के लिए कुंवर विजय प्रताप सिंह का नार्को टेस्ट किया जाना चाहिए

बेअदबी मामलों में कांग्रेस , आप का हाथ होने की जांच की जाए, यह बादल सरकार को बदनाम, अस्थिर करने की गहरी साजिश: शिरोमणी अकाली दल

 एसआईटी से किसके आदेशों का पालन करने की उम्मीद है- हाईकोर्ट यां कांग्रेस हाईकमान?

 चंडीगढ/24जून,2021-

शिरोमणी अकाली दल ने आज कोटकपुरा गोलीकांड की जांच कर रही एसआईटी से कहा कि  वह सरदार परकाश सिंह बादल की अगुवाई वाली तत्कालीन सरकार को बदनाम करने और अस्थिर करने की साजिश में कांग्रेस तथा आप की जांच की जानी चाहिए।

पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में  वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने मांग की  कि अकाली कार्यकाल में बेअदबी की साजिश के सभी संभावित लाभार्थियों की उनके पीछे छुपी घृणित भूमिका का पता लगाने तथा पर्दाफाश करने के लिए नार्को टेस्ट किया जाए।  ‘ कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं और आप से उनके गुप्त साथियों का नार्को टेस्ट किया जाना चािहए ताकि पता चल सके कि उन्होने इसमें क्या भूमिका निभाई है, क्योंकि उनका उददेश्य न केवल उस समय की सरकार को अस्थिर करना, बल्कि सिख जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करके सदियों पुराने विश्वास को तोड़ना चाहते हैं।

सरदार मजीठिया ने आज दोपहर पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ.दलजीत सिंह चीमा के साथ पत्रकारों को संबोधित करत रहे थे। सरदार मजीठिया ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की कि कांग्रेस आलाकमान ने विशेष जांच दल द्वारा चल रही जांच के समाप्त के लिए समय सीमा जारी करने के बारे कहा है। एसआईटी से किसके आदेशों का पालन करने की उम्मीद है- हाईकोर्ट यां कांग्रेस हाईकमान? वास्तव में पिछली सिट ने वास्तव में माननीय उच्च न्यायालय नही बल्कि चंडीगढ़ और दिल्ली के राजनीतिक आकाओं का पालन किया था, यह माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की पूरी तरह से अवहेलना है , कि एसआईटी कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के प्रति जबावदेह नही है। लेकिन कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को  महीने के अंदर एसआईटी की रिपोर्ट पूरी करने के आदेश दिए हैं। यह एक औपचारिकता है , जोकि पंजाब के लोगों को पहले से पता है कि इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, जो वास्तव में सुखजिंदर रंधावा, नवजोत सिद्धू, सुनील जाखड़ जैसे राजनेताओं द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर मोहर लगाने के लिए किया गया है, साथ ही कुछ तथाकथित संगठन के प्रमुखों ने भी रिपोर्ट को मंजूर देने के लिए उन दिनों मुख्यमंत्री के आवास पर रात का डिनर किया था। हालांकि कुंवर प्रताप सिंह द्वारा सार्वजनिक तौर से पेश की गई थी।

अकाली नेताओं ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान , उनकी स्टेट यूनिट और राज्य सरकार को यह विश्वास हो गया है कि  सिर्फ सरदार परकाश सिंह