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वंदे मातरम गीत अटूट संकल्प की भावना और भारत जागरण का प्रथम मंत्र है : बड़ौली
वंदे मातरम गीत स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बना : कृष्ण लाल पंवार
राष्ट्र गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर सोनीपत स्थित डीएवी स्कूल में आयोजित हुआ भव्य राज्य स्तरीय समारोह
कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति के उत्साह और राष्ट्रीय एकता के संदेश से गूंजा स्कूल परिसर
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली और मंत्री कृष्ण लाल पंवार कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए
चंडीगढ़, 7 नवंबर 2025
राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को सोनीपत के सेक्टर-15 स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में भव्य राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली और पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर श्री बड़ौली और श्री पंवार ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ की प्रदेशवासियों को बधाई दी।
कार्यक्रम में जिला के अनेक गणमान्य व्यक्तित्व, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि, समाजसेवी, एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान स्कूल परिसर वंदे मातरम के जयघोष के साथ देशभक्ति के नारों से गूंज उठा। इस दौरान वंदे मातरम गीत के इतिहास पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई, जिसके माध्यम से बच्चों ने राष्ट्र गीत के इतिहास के बारे में जानकारी ली।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बडौली ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वंदे मातरम गीत देश की एकता, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है और करोड़ों भारतीयों की आत्मा का स्वर है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम ने स्वतंत्रता आंदोलन में वह चेतना पैदा की जिससे भारत अंग्रेजों की गुलामी की बेडिय़ों को तोड़ सका। श्री बड़ौली ने कहा कि 1905 में बंगाल विभाजन के समय वंदे मातरम आंदोलन का नारा बन गया था और इस गीत की गूंज ने अंग्रेजी सत्ता की नींव हिला दी थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बड़ौली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस राष्ट्रगीत को आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अपनाओ अभियान से जोडक़र इसे आधुनिक भारत की प्रेरणा बना दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय है कि देश की नई पीढ़ी इस गीत की महत्ता को समझे और इसे अपनी जीवनशैली में शामिल करे। श्री बड़ौली ने कहा कि यह कार्यक्रम जिला के प्रत्येक गांव-शहर, हर संस्थान में वंदे मातरम के गायन के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि यह राष्ट्रीय गीत जन-जन की आवाज बन सके।
श्री बड़ौली ने कहा कि 7 नवंबर 1875 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय वंदे मातरम गीत की रचना की थी। यह गीत अटूट संकल्प की भावना और भारत जागरण का प्रथम मंत्र है। उन्होंने कहा कि यह गीत लाखों क्रांतिकारियों की प्रेरणा रहा, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते फांसी का फंदा स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश बड़े ही गर्व और गौरव के साथ ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है। यह गीत हमें वीरता और बलिदान की याद दिलाता है।
वंदे मातरम केवल गीत हमारी मातृभूमि की आत्मा है : कृष्ण लाल पंवार
पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि वंदे मातरम सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि यह हमारी मातृभूमि की आत्मा है, जो हमें स्वतंत्रता, एकता और त्याग की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चटर्जी ने 1875 में इस गीत की रचना उस समय की थी जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का प्रथम प्रकाशन उपन्यास आनंदमठ में हुआ था, जिसने स्वतंत्रता संग्राम की चेतना को प्रज्वलित किया। यह गीत सुनकर उस समय के युवा क्रांतिकारी जोश से भर उठे थे और यही गीत स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बना।
श्री पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर है और उनके द्वारा शुरू की गई वंदे भारत ट्रेन उसी राष्ट्रीय चेतना का विस्तार है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने पूरे देश में हर घर तिरंगा और राष्ट्र प्रेम के अभियानों के माध्यम से देशवासियों के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार किया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए नई शिक्षा नीति-2020 की शुरूआत की और मुझे आज बताते हुए खुशी हो रही है कि हरियाणा देश का पहला प्रदेश है जिसने नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे शिक्षा और संस्कारों से अपने जीवन को उज्ज्वल बनाएं और भारत को विश्व में अग्रणी राष्ट्र बनाने में योगदान दें।
वंदे मातरम ने दी आजादी की प्रेरणा : निखिल मदान
विधायक निखिल मदान ने कहा कि वंदे मातरम वह राष्ट्रगीत है जिसने लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को आजादी की लड़ाई में कूदने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि इस गीत को स्वदेशी आंदोलन में विशेष पहचान मिली और यही गीत बाद में भारत की एकता का पर्याय बन गया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम के शब्दों में वह ताकत है जो समाज को जोडऩे, राष्ट्र को प्रगति के पथ पर ले जाने और युवाओं को देशसेवा की ओर प्रेरित करती है।
विधायक कृष्णा गहलावत ने कहा कि वंदे मातरम की पंक्तियों में भारत की आत्मा बसती है, जो हर नागरिक को एकता, सम्मान और त्याग का संदेश देती है। ऐसे आयोजन समाज में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल करते हैं। उन्होंने कहा कि मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना जगाने वाला यह गीत हमें हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान की याद दिलाता है।
वंदे मातरम’ के सामूहिक गायन के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमूह ने विडियों कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का अभिभाषण भी सुना। अंत में सभी उपस्थित लोगों ने एक स्वर में वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया। इस अवसर पर पूरे सभागार में देशभक्ति का अद्भुत माहौल देखने को मिला।
इस मौके पर विधायक पवन खरखौदा, पूर्व मंत्री कविता जैन, जिला प्रभारी सतीश नांदल, भाजपा जिलाध्यक्ष सोनीपत अशोक भारद्वाज, जिलाध्यक्ष गोहाना बिजेन्द्र मलिक, जिला परिषद की चेयरपर्सन मोनिका दहिया, जिला उपायुक्त सुशील सारवान, अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन, एसीयूटी योगेश दिल्हौर, एसडीएम सुभाष चंद्र, नगराधीश डॉ० अनमोल, सहित विभिन्न अधिकारी तथा विभिन्न विद्यालयों के अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहे।