कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे लगातार कार्य

ਮਾਫ਼ ਕਰਨਾ, ਇਹ ਖਬਰ ਤੁਹਾਡੀ ਬੇਨਤੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਉਪਲਬਧ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਇੱਥੇ ਦੇਖੋ।

सफलता की कहानी

कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे लगातार कार्य

– मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अरमान के वजन में एक किलो की बढ़ौतरी हुई, इससे वह कुपोषण के मध्यम श्रेणी में आ गया

    दुर्ग, 23 जनवरी 2024

कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं, जिसके कारण कुपोषण की स्थिति मध्यम श्रेणी में आ गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत 1 से 3 वर्ष के बच्चों को एवं गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन प्रदाय किया जा रहा है। 6 से 54 माह के कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को चिक्की प्रदाय किया जा रहा है। रेडी टू ईट नाश्ता एवं गर्म भोजन हेतु 06 माह से 03 वर्ष के सामान्य बच्चों एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन रेडी टू ईट 125 ग्राम दिया जाता है।
ऐसी ही एक कहानी बच्चे अरमान चक्रधारी की है। वह खाना नही खाने के कारण दिन ब दिन कमजोर होता गया। वह सुस्त रहता था अरमान कमजोरी के चलते अन्य बच्चों की तरह एक्टीव नही रहता था। उसकी स्थिति को देखते हुए समूहों द्वारा प्रेरित करने के बाद एनआरसी में भर्ती कराया गया। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और परियोजना अधिकारी ने वजन निगरानी करके व पोषण आहार दिलाकर बड़ी मदद की। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अरमान को प्रतिदिन बाल संदर्भ सेवा से प्राप्त दवाईयों का नियमित सेवन तथा आंगनबाड़ी में दिए जाने वाले रेडी टू ईट का सेवन कराया गया। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत रोज गर्म पोष्टिक भोजन देने की वजह से वजन में एक किलो की बढ़ौतरी हो गई इससे वह कुपोषण के मध्यम श्रेणी में आ गया। जुलाई 2023 में इसका वजन 12.900 किलोग्राम था। माह अक्टूबर 2023 में इसका वजन 13.600 किलोग्राम हो गया।
माता आशा ने बताया कि एनआरसी से आने के बाद अपने बच्चे के खानपान में अधिक ध्यान दिया। सामान्य श्रेणी में लाने के लिए माता आशा ने प्रत्येक सुपोषण चौपाल में जाती और रेडी टू ईट से नये नये व्यंजन बनाकर अपने बच्चे को खिलाती थी। अब उसका परिवार तथा माता पिता बहुत खुश है। और अब आंगनबाड़ी की सभी गतिविधियों में भाग लेता है और वह बहुत खुश रहता है। वह सामान्य श्रेणी में आ गया। इस तरह सबके प्रयास से अरमान अब स्वस्थ हो गया है।