प्रदेश में कोयला की उपलŽधता व परिवहन हेतु रेल रे€स की संख्या बढाने का प्रयास करें-ऊर्जा मंत्री

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जयपुर, 27 अगस्त । ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने कहा कि कोयला व रेल मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ वार्तालाप कर राज्य में कोयला की उपलŽधता व परिवहन हेतु रेल रे€स की संख्या बढाने का प्रयास किया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री डॉ. कल्ला शुक्रवार को विडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिये राज्य में विद्युत व्यवस्था की समीक्षा हेतु आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। बैठक में ऊजा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री दिनेश कुमार के साथ विद्युत विभाग के सभी उच्च अधिकारी उपस्थित रहें।
डॉ. कल्ला ने कोयला की निर्बाध आपूर्ति हेतु विद्युत वितरण कम्पनियों के प्रबन्धक निदेशकों को उत्पादन निगम के बकाया बिलों का शीघ्र ही भुगतान करने के निर्देश दिये। साथ ही उत्पादन निगम को 660 मेगावाट छबड़ा की पाँचवीं ईकाई को तकनीकी रूप से दुरूस्त करने व 660 मेगावाट सुरतगढ की आठवीं इकाई से पूर्ण क्षमता तक विद्युत उत्पादन करने के निर्देश दिये।
वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोरा ने बताया कि विद्युत वितरण कम्पनियों के सŽिसडी पेटे हेतु कुल बकाया में से 1000 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है एवं बाकी सŽिसडी का भुगतान शीघ्र करने का प्रयास किया जा रहा है।
ऊर्जा विकास निगम के प्रबन्धक निदेशक श्री रोहित गुप्ता ने बताया कि सामान्य दिनों में विद्युत ए€सचेन्ज में बिजली खरीद की औसत दर 3-4 रूपये प्रति यूनिट रहती है, जो कि वर्तमान में बढकर 17-18 रूपये प्रति यूनिट तक पहुँच गयी है। उन्होंने बताया कि बिजली की बढी हुई मांग को पूरा करने हेतु प्रचलित महंगी दरों पर भी बिजली ए€सचेन्ज से अधिकतम बिजली खरीदने के प्रयास किये जा रहे है, लेकिन समस्त उत्तर भारत में बिजली की खपत बढने के कारण ए€सचेन्ज से भी पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही है।
बैठक में बताया गया कि अगस्त में मानसून की कमी के कारण राज्य में विद्युत की खपत गत वर्ष के मुकाबले लगभग 700 लाख यूनिट प्रतिदिन बढ गई है। पिछले वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़़ते हुये विद्युत की खपत एवं अधिकतम मांग अब तक 3107 लाख यूनिट प्रतिदिन एवं 14650 मेगावाट दर्ज की गई है। बारिश की कमी के कारण प्रदेश में ही नहीं बल्कि समस्त उत्तर भारत में विद्युत का संकट गहराया हुआ है। राज्य में स्थापित विद्युत उत्पादन ईकाइयों में कोयला की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं होने के कारण 2500 मेगावाट का विद्युत उत्पादन नहीं हो पा रहा है