फसल बीमा योजना व खरीद का भी भुगतान करवाया
चण्डीगढ़, 3 सितम्बर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा लोगों की शिकायतें सुनने के लिए आरम्भ की गई सीएम विंडो व्यक्तिगत शिकायतों के समाधान के साथ-साथ सार्वजनिक व सामाजिक हित के मुद्दे भी सुलझाने में अहम भूमिका निभा रही है।
मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि सीएम विंडो पर भिवानी जिले के तिगड़ाना गांव की कुमारी नीशू ने 6 जनवरी, 2021 को शिकायत नं0 002262 दर्ज करवाई थी कि उसके गांव में शराब के ठेके को हटवाया जाए। जिस पर 8 जनवरी, 2021 को सीएम विंडो द्वारा की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार की गई। भिवानी के उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त द्वारा आबकारी निरीक्षक को मौके का मुआयना करने के लिए भेजा गया और लडक़ी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ठेके को दूसरी जगह शिफ्ट करवा दिया गया। शिकायतकत्र्ता ने शिकायत का निपटान करने पर सरकार का आभार जताया और सीएम विंडो की प्रशंसा की।
एक अन्य मामले में उन्होंने बताया कि इसी प्रकार चरखी दादरी जिले के गांव डोहकी के किसान राजेश ने शिकायत की थी कि खरीफ-2020 के दौरान उसके खेत में कपास की पैदावार कम हुई थी और उसने मुआवजे का दावा किया था जो उसे नहीं मिला। सीएम विंडो पर जब इसका संज्ञान लिया गया तो कृषि विभाग ने जानकारी दी कि डोहकी (107) गांव में कपास का उत्पादन 22.84 प्रतिशत था जो अधिसूचित पैदावार से कम है इसलिए राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा क्रोप कटिंग अनुभव के आधार पर पैदावार की गणना की गई। बाद में किसान राजेश को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत UTR No 231211606624995 के माध्यम से 6705 रुपए की अदायगी की गई। इसी प्रकार, पंचकूला जिले के गांव मौली के कपिल चौहान की 2021/054607 की शिकायत के तहत उसके गेहूं की खरीद का भुगतान करवाया गया।
श्री भूपेश्वर दयाल ने बताया कि पूर्व सरपंचों के विरुद्ध सरकारी फंड की गड़बड़ी की बहुत सी शिकायतें मिली है। सीएम विंडो ने ऐसी शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लिया है और उनके विरुद्ध ‘‘हरियाणा पंचायती राज अधिनियम-1994’’ की धारा 53 व 54 के तहत बकाया भू-राजस्व वसूलने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि चरखी दादरी जिले की ग्राम पंचायत खेड़ी बूरा के तत्कालीन सरपंच जोगिन्द्र व ग्राम सचिव अनिल द्वारा वर्ष 2017 में गांव में 40 सौर लाईटें लगवाने में गड़बड़ी की शिकायत गांव के ही एक व्यक्ति ने की थी। इस पर कार्यवाही करते हुए खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप मंडल अधिकारी (नागरिक) एवं जिला उपायुक्त द्वारा की गई जांचों में पाया गया कि वर्ष 2016-17 में हरियाणा सरकार द्वारा सौर लाईटों के रेट निर्धारित नहीं किए गए थे और न ही हरेडा द्वारा किसी एजेंसी को अधिकृत किया गया था। दोनों ने मिलकर 7805 रुपए प्रति लाईट की गड़बड़ी की है और इस प्रकार उन्होंने 308200 रुपए का गबन किया है और 21 प्रतिशत ब्याज के साथ यह राशि 560350 रुपए बनती है। जिला उपायुक्त चरखी दादरी को बकाया भू-राजस्व के तहत पैसे वसूलने के निर्देश दिए गए हैं।
ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल के अनुसार सीएम विंडो की सख्ती अब लोगों की समझ में आने लगी है। कुछ ने तो सरकारी फंड में किए गए गबन की राशि चैक के माध्यम से ग्राम पंचायत के खाते में जमा करवानी भी आरम्भ कर दी है, जो प्रदेश के लोगों को मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस रखने की सोच का संदेश भी है।

English






