अरावली को लेकर कांग्रेस के आरोप खोखले और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित : शमशेर सिंह खरक

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पर्यावरण संरक्षण भाजपा की नीति का हिस्सा : खरक

भाजपा नेता खरक का दीपेंद्र हुड्डा के बयान पर पलटवार- बोले – कांग्रेस शासन में खनन माफियाओं को मिलता था खुला संरक्षण

चंडीगढ़,  27 दिसंबर 2025

भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी शमशेर सिंह खरक ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि झूठा भ्रम फैलाना कांग्रेस की पुरानी आदत है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए श्री खरक ने कहा कि दीपेंद्र हुड्डा अरावली पर्वतमाला और पर्यावरण के नाम पर दिया बयान राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है। दीपेंद्र हुड्डा का बयान तथ्यहीन और जनता को भ्रम में डालने वाला है।

शमशेर सिंह खरक ने कहा कि दीपेंद्र हुड्डा का पूरा बयान न तो कानूनी तथ्यों पर आधारित है और न ही पर्यावरण संरक्षण की वास्तविक समझ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हर जनहित के मुद्दे पर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत है।  श्री खरक ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को अरावली और पर्यावरण की चिंता आज हो रही है, जबकि वर्षों तक हरियाणा में कांग्रेस शासन के दौरान अवैध खनन, बिल्डर माफिया और पर्यावरणीय विनाश को खुला संरक्षण दिया गया। सीएजी रिपोर्ट में जिन अवैध खनन घोटालों का उल्लेख है, वे कांग्रेस शासनकाल की ही देन हैं। उस समय दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस नेतृत्व की चुप्पी आज उनके दोहरे चरित्र को उजागर करती है।

शमशेर सिंह खरक ने कहा कि केंद्र सरकार ने अरावली क्षेत्र के संरक्षण को लेकर कभी भी लापरवाही नहीं बरती। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष पर्यावरणीय संतुलन, विकास और कानूनी प्रावधानों के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से रखा गया है। “100 मीटर” को लेकर कांग्रेस द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम जानबूझकर किया गया दुष्प्रचार है।

वास्तविकता यह है कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस पर्यावरण सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए हैं, न कि जंगलों को खत्म करने के लिए, जैसा कि कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं।

शमशेर सिंह खरक ने कहा कि भाजपा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को केवल नारा नहीं, बल्कि नीति का हिस्सा बनाया है। बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, अवैध खनन पर सख्ती, एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम और वन क्षेत्र के संरक्षण के लिए कड़े कानून भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। “जंगल सफारी” जैसे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि दीपेंद्र हुड्डा को चाहिए कि वे पहले अपनी पार्टी के शासनकाल का हिसाब दें, जब अरावली का सबसे अधिक दोहन हुआ। भाजपा सरकार न तो अरावली को लावारिस मानती है और न ही पर्यावरण के साथ समझौता करेगी। कांग्रेस के आरोप खोखले हैं और जनता अब ऐसे राजनीतिक ड्रामे को भली-भांति पहचान चुकी है।