हरियाणा राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में  विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श

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चंडीगढ़, 10 जनवरी 2022

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त पी.के. दास ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को ट्यूबवेल से पानी रिचार्ज कर भू-जल स्तर में वृद्धि पर विस्तृत अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अध्ययन से पहले व बाद की स्थिति का पता लगाया जाए। जिन क्षेत्रों में यह अध्ययन हो जाए, उन्हें अन्य से अलग कर दिया जाए।

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 उन्होंने यह निर्देश आज वर्चुअल माध्यम से बाढ़ और सूखे पर हरियाणा राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की 51वीं बैठक के दौरान दिए। बैठक में आबादी क्षेत्र की सुरक्षा, कृषि भूमि की सुरक्षा, पानी निकासी प्रबंधन, जल संरक्षण एवं इसके पुनर् उपयोग जैसे अनेक मुद्दों पर किये जा रहे प्रयासों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। वर्चुअल आयोजित इस बैठक में सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के प्रधान सचिव एके सिंह, विशेष सचिव वित्त पंकज व सभी जिला उपायुक्त शामिल हुए।

बैठक के दौरान श्री दास ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि सूक्ष्म-स्तरीय मानचित्र तैयार किया जाए, जिसमें उन क्षेत्रों को प्रदर्शित किया जाए जहां से पानी निकाला जा चुका है या पाइप से पानी निकाला जा रहा है। इन कार्यों को इसमें प्रदर्शित किया जाए।

 उन्होंने विस्तार से बताया कि मानचित्र पर उन क्षेत्रों को भी प्रदर्शित किया जाए, जहां पर काम करने की आवश्यकता है, ताकि उसे आसानी से पहचाना जा सके।  उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने की सलाह दी कि जिन क्षेत्रों में जरूरत हो उनमें पानी पंप करने की स्थायी सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

श्री दास ने गांवों में भू-जल स्तर पर डाटा तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां भी संभव हो, पानी निकासी के लिए सौर पंपों का उपयोग किया जाए। उन्होंने खरीफ व रबी फसलों के मुआवजे और फसल क्षति के संबंध में भी डाटा तैयार करने का सुझाव दिया, ताकि मुआवजे की राशि का अंदाजा लगाया जा सके।

एसीएस देवेंद्र सिंह ने बताया कि पानी की एक-एक बूंद का संरक्षण किया जाना चाहिए। इसके लिए अधिकतम प्रयास करें और स्थायी समाधान तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ नियंत्रण बोर्ड के एजेंडे में नदी संरक्षण कार्य को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि जलभराव वाले पानी को ड्रेन में डालने की बजाय, इसे सिंचाई के कार्य में उपयोग लाया जाए या फिर इसका भूमि में रिचार्ज सुनिश्चित किया जाए।

हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्ष केशनी आनंद अरोड़ा ने बंद पड़े नलकूपों को पानी रिचार्ज करने के लिए उपयोग में लाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा एक जिला जल योजना तैयार की गई है और इसके लिए एक विस्तृत प्रारूप तैयार किया गया है।  उन्होंने उपायुक्तों से भूजल की स्थिति पर ग्रामवार योजना तैयार करने का आग्रह किया।  उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत रेड जोन, पिंक जोन, लाइट ग्रीन जोन, ग्रीन जोन, येलो जोन, पर्पल जोन और ब्लू जोन में आने वाले गांवों की सूचना सार्वजनिक नोटिस पर प्रदर्शित की जाए।