एचएयू वैज्ञानिकों द्वारा विकसित मकई का दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर को मिला डिजाइन पेटेंट

Mathematics and Data contribute significantly in research work: Vice-Chancellor Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University

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मक्का के मूल्य संवर्धन में होगी सहायक, कम जोत वाले किसानों को होगा फायदा, खर्च भी बहुत कम

चण्डीगढ़, 27 नवंबर- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि को विश्वविद्यालय के नाम किया है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अविष्कार की गई मकई का दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय की ओर से डिजाइन पेटेंट मिला है।

मशीन का अविष्कार महाविद्यालय के प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. विजय कुमार सिंह व सेवानिवृत्त डॉ. मुकेश गर्ग की अगुवाई में किया गया । इस मशीन के लिए वर्ष 2019 में डिजाइन के लिए आवेदन किया था।

रख-रखाव खर्च व लागत कम जबकि कार्यक्षमता अधिक

इसका प्रयोग कम जोत वाले व छोटे किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। इस मशीन से मक्का का बीज तैयार करने में मदद मिलेगी क्योंकि इसके द्वारा निकाले गए दाने मात्र एक प्रतिशत तक ही टूटते हैं और इसकी प्रति घंटा की कार्यक्षमता भी 55 से 60 किलोग्राम तक की है। इससे पहले यह कार्य मैनुअल तरीके से चार-पांच किसान मिलकर करते थे जिसमें समय व लेबर अधिक लगती थी और एक व्यक्ति एक घंटे में केवल 15 से 20 किलोग्राम तक ही दाने निकाल पाते थे। इसमें दाने टूटते भी अधिक थे।

         आधुनिक मशीन को चलाने के लिए केवल एक व्यक्ति की जरूरत है और इसको एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन की भी समस्या नहीं होती क्योंकि इसका वजन लगभग 50 किलोग्राम है जिसमें पहिए लगे हुए हैं।

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