महामारी के दरमियान झूठे प्रचार के लिए अकाली की कार्यवाहियों को ग़ैर-जि़म्मेदाराना ठहराया
चंडीगढ़, 31 अगस्त:
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कोविड महामारी के दरमियान मासूम गाँववासियों को राज्य सरकार के खि़लाफ़ भडक़ाने के लिए अकालियों द्वारा की जा रही भडक़ाऊ बयानबाज़ी की सख़्त आलोचना की है।
राज्य की कुछ पंचायतों द्वारा कोविड मरीज़ों को अस्पतालों में जाने से मना करने सम्बन्धी पास किए गए प्रस्तावों का दलजीत सिंह चीमा द्वारा समर्थन करने पर सख़्त प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए सिद्धू ने कुछ समाज विरोधी तत्वों द्वारा अस्पतालों में दाखि़ल होने सम्बन्धी फैलाए जा रहे झूठे प्रचार के दरमियान शिरोमणी अकाली दल (नेता) द्वारा की गई पूरी तरह से ग़ैर-जि़म्मेदाराना टिप्पणी पर हैरानी ज़ाहिर की। गौरतलब है कि अंग निकाले जाने के डर से लोगों को अस्पतालों में न जाने सम्बन्धी झूठे संदेश फैलाने वाले एक व्यक्ति को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार किया है।
सिद्धू ने कहा कि यह सारा प्रचार कोविड के विरुद्ध राज्य सरकार की लड़ाई को कमज़ोर करने के लिए घटिया मंसूबों का हिस्सा लगता है, जिसका अकाली नेता जान बूझ कर या अनजाने में एक हिस्सा बन गया है।
मंत्री ने कहा कि अपनी समूची रणनीति के हिस्से के तौर पर राज्य सरकार ख़ुद हलके या बिना लक्षण वाले लोगों की परेशानी को घटाने के लिए घरेलू एकांतवास को उत्साहित कर रही है और सिफऱ् गंभीर स्थिति वाले मरीज़ों को अस्पताल में दाखि़ल किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया का पालन सिफऱ् भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में किया जा रहा है। स. सिद्धू ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि चीमा ख़ुद एक डॉक्टर होने के बावजूद भी इससे अनजान लगता है।
स. सिद्धू ने कहा कि जो मरीज़ घरेलू एकांतवास में नहीं रह सकते वह अपनी सुविधा के अनुसार निजी सेवाओं या मुफ़्त सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। इन तथ्यों के मद्देनजऱ पंचायतों की तरफ से पास किए गए प्रस्तावों का चीमा द्वारा समर्थन करना स्पष्ट तौर पर लोगों को गुमराह करना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को पेश आ रही मुश्किलों से पूरी तरह अवगत है और नागरिक समूहों और स्वास्थ्य माहिरों द्वारा ध्यान में लाए जाने के बाद कुछ स्वास्थ्य सेवाओं में पहले ऐलाने गए वृद्धि को पहले ही वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि बुरी वित्तीय हालत के बावजूद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह विस्तार रद्द करने का फ़ैसला लिया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महामारी के दौरान लोगों को और मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मुश्किल समय में जहाँ लोगों की सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव यत्न किए जा रहे हैं, वहीं इसके उलट अकाली पंजाबियों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। चीमा द्वारा मिशन फतेह की निराधार आलोचना के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर इन महीनों के दौरान पड़ोसी राज्यों की तुलना में पंजाब के हालात काबू में रहे हैं तो यह मिशन फतेह को सफलतापूर्वक लागू किए जाने के कारण है जो प्रमुख स्वास्थ्य माहिरों द्वारा प्रभावशाली ढंग से चलाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसे भडक़ाऊ बयानों के द्वारा लोगों को अपनी जान को खतरे में डालने के लिए उत्साहित करने की बजाय चीमा और अन्य अकाली नेताओं को जल्द टेस्टिंग और इलाज की ज़रूरत संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने टिप्पणी की कि वास्तविकता यह है कि अकालियों को पंजाब के लोगों की कोई चिंता नहीं जैसे कि उन्होंने अपने 10 सालों के कुशासन और विरोधी पक्ष में पिछले साढ़े तीन सालों के दौरान दिखाया है।
स. सिद्धू ने कहा कि अगर अकालियों को राज्य और लोगों की कोई परवाह है तो उनको राजनैतिक लाभ के लिए महामारी के कारण बने हालातों का शोषण करने की बजाय राज्य के लिए वित्तीय सहायता के लिए केंद्र सरकार के पास पहुँच करनी चाहिए, जिसका कि वह हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने न सिफऱ् कोविड राहत के तौर पर राज्य को कोई सहायता दी है बल्कि जीएसटी बकाए की अदायगी भी रोक दी है, जिससे राज्य और इसके लोगों को इन मुश्किल समय में अपना बचाव करने के लिए छोड़ दिया गया है। फिर भी अकाली केंद्र सरकार की इन कार्यवाहियों का विरोध करने के लिए एक बार भी आगे नहीं आए।

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