डीजीपी गौरव यादव ने मानव तस्करी को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए अंतर्राज्यीय और अंतर-एजेंसी सहयोग की आवश्यकता पर दिया जोर
कड़े कानूनों को सख्त लागू करने की प्रक्रिया से जोड़ा जाए: विशेष डीजीपी गुरप्रीत दियो
इस परामर्श सत्र में पंजाब पुलिस, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास तथा श्रम विभाग के विभिन्न प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विशेष डीजीपी (सी ए डी), पंजाब गुरप्रीत दियो ने कहा कि भारत अब मानव तस्करी विरोधी सबसे मजबूत कानूनों वाले देशों में से एक है और भारतीय न्याय संहिता के जरिए इन कानूनों को और अधिक मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि मजबूत कानूनों को मजबूत कार्यान्वयन पद्धति से जोड़ना आवश्यक है, क्योंकि केवल कानून अपने आप में इस अपराध को समाप्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हमें तत्काल जिन चीजों की जरूरत है, उनमें शामिल हैं—जन-जागरूकता, सभी कानून लागू करने वाली एजेंसियों के बीच सुदृढ़ तालमेल, और सबसे महत्वपूर्ण अपराधियों के खिलाफ समय पर कानूनी कार्रवाई।
इस कार्यक्रम के दौरान विशेष डीजीपी रेलवे शशि प्रभा, जिनके साथ खड़गपुर और अंबाला के लिए रेलवे सुरक्षा के डिविजनल कमिश्नर अरुण त्रिपाठी और प्रकाश कुमार पांडा भी मौजूद थे, ने रेलवे सुरक्षा बल, गैर-सरकारी संगठनों और पंजाब राज्य जीआरपी के बीच सहयोग की रूपरेखा पर चर्चा की।
स्पेशल डीजीपी साइबर क्राइम पंजाब वी. नीरजा ने प्रतिभागियों को मानव तस्करी अपराध से निपटने में साइबरस्पेस की भूमिका और उसके उपयोग से अवगत कराया।
एसपी सिविल राइट्स राजस्थान हर्षवर्धन अग्रवला ने राजस्थान में मानव तस्करी से निपटने के लिए अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रस्तुति दी।
इस विचार-विमर्श में हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और यू आई डी ए सी चंडीगढ़ के क्षेत्रीय कार्यालय के पुलिस अधिकारियों ने भी भाग लिया।
पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल और पंजाब राज्य बाल आयोग की चेयरपर्सन कंवरदीप सिंह ने भी इस परामर्श सत्र में शिरकत की और अपने विचार साझा किए।

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