सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने बिल दिखाया, बताया कि कैसे मरीज से कोविड महामारी के उपचार के लिए सरकारी मानदंडों के खिलाफ 20.5 लाख रूपये वसूल किए गए
चंडीगढ़/18अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार से अमृतसर में अमनदीप मेडिसिटी द्वारा एक कोविड-19 मरीज के शोषण की स्वतंत्र जांच के आदेश की मांग की है जिसने उसके परिवार से सभी मानदंडों के खिलाफ 20.5 लाख रूपये वसूल किए।
इस संबध में एक वर्चुअल प्रेस कांफं्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने अमनदीप मेडिसिटी का लाइसेंस रद्द करने की और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक उपेक्षा का मामला भी दर्ज करने की भी मांग की। उन्होने कहा कि अस्पताल ने महामारी की स्थिति का इस्तेमाल करते हुए मरीज सविंदर सिंह के परिवार को अस्पताल में रखकर आर्थिक रूप से निचोड़ लिया तथा 48 दिन बाद उनका निधन हो गया।
इस बारे में जानकारी देते हुए सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि अमनदीप मेडिसिटी, जो पहले भी मैडीकल लापरवाही का आरोप लगाया गया था,जिसने पहले भी एक गरीब मरीज का शोषण किया था तथा 5.50 लाख रूपये वसूले थे तथा फिर भी हाथ काटने पड़े थे, ने दोबारा सविंदर सिंह के परिवार से 48 दिनों के आवास के लिए 20.50लाख रूपये वसूल करके सभी सीमाएं लांघ दी हैं।उन्होने कहा कि मामूली रूप से प्रभावित मरीजों से 15,000 रूपये वसूलने के सभी मानदंडों के खिलाफ अमनदीप मेडिसिटी ने संविदर से 42,500 रूपये प्रतिदिन की दर से चार्ज किया। उन्होने कहा कि ‘अगर अस्पताल ने सरकारी मानदंडों के अनुसार शुल्क लिया होता तो बिल 6.70 लाख से अधिक नही होता।
अकाली नेता ने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि अमनदीप मेडिसिटी ने पीड़ित परिवार से दवाइयों के कारण आठ लाख रूपये और पीपीई किट के लिए पांच लाख रूपये एकत्र किए जिसे पीड़ित परिवार ने अपने लिए खरीदा था। उन्होने कहा कि अन्य मरीजों के अस्पताल से भाग जाने की खबरें मिली हैं तथा केवल एक स्वतंत्र जांच से पता चल का है कि कांग्रेस सरकार अस्पताल प्रबंधन द्वारा किए जा रहे कदाचार के लिए जानबूझकर नरमी बरत रही थी। सविंदर सिंह के परिजनों ने भी मीडिया से बातचीत कर खुलासा किया कि कैसे अस्पताल प्रबंधन ने उनको लूटा है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि कई चिकित्सा पेशेवर कोविड-19 महामारी में रोगियों के इलाज के लिए चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करके सेवा कर रहे हैं। ‘इन डाक्टरों और पैरा मैडीकल स्टाफ की पहचान करने और सराहना करने की जरूरत है’। उन्होने कहा कि चिकित्सा भाईचारे को अमनदीप मडिसिटी जैसी काली भेड़ों पर ध्यान देना चाहिए जो महामारी के समय के दौरान जल्लाद की तरह काम करके अनैतिक व्यवहार में लिप्त होकर इस पेशे को कलंकित कर रहे हैं।

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