कालका का शिरोमणी अकाली दल से  दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को अलग करने का फैसला पंथ विरोधी ताकतों की गहरी साजिश: शिरोमणी अकाली दल

SAD describes Kalka’s decision to disassociate DSGMC from the SAD as a deep rooted conspiracy by anti-panthic forces
SAD describes Kalka’s decision to disassociate DSGMC from the SAD as a deep rooted conspiracy by anti-panthic forces
हरमीत सिंह कालका को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करते हुए पार्टी की दिल्ली इकाई की भंग
अवतार सिंह हित की अगुवाई में पांच सदस्यीय तदर्थ कमेटी का गठन किया ताकि डी.एस.जी.एम.सी की मीटिंग बुलाकर सदस्यों को पंथ को कमजोर करने की साजिश के बारे  जागरूक किया जा सके

चंडीगढ़ 16 मार्च 2022

शिरोमणी अकाली दल ने आज दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका को डी.एस.जी.एम.सी से अलग करने के फैसले को मिरी-पीरी के सिद्धांत पर सीधा हमला बताया और इसे पंथ को कमजोर करेन की गहरी साजिश करार दिया।

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अकाली दल ने पार्टी की दिल्ली इकाई को भंग करने के अलावा हरमीत सिंह कालका को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की घोषणा की है। इसने अनुभवी नेता स. अवतार सिंह हित की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय तदर्थ कमेटी के गठन की घोषणा की है। कमेटी के अन्य सदस्यों में हरिंदर सिंह केपी, भूपिंदर सिंह आनंद, गुरदेव सिंह भोला तथा रविंदर सिंह खुराना शामिल हैं।

यंहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा , स. महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा और स. सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि हरमीत सिंह कालका और उनके सहयोगियों ने मिरी-पीरी के सिद्धांत का उल्लंघन कर श्री हरिमंदिर साहिब तथा श्री अकाल तख्त साहिब के बीच दीवार खड़ी की है । ‘‘ सिख कौम इस कृत्य को कभी बर्दाश्त नही करेगी’’।

प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि कालका और उनके ग्रूप ने यह करके दिल्ली की ‘संगत’ के साथ विश्वासघात किया है। ‘‘ वे शिरोमणी अकाली  दल के चुनाव निशान पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए चुने गए थे। उनका कार्य  दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक्ट 1971 के अनुसार समुदाय की सेवा करना था। यदि वे स्वंतत्र सदस्यों के रूप में सेवा करना चाहते हैं तो उन्हे इस्तीफा दे देना चाहिए और फिर से चुनाव लड़ने चाहिए।

यह कहते हुए कि तदर्थ कमेटी दिल्ली के सिखों की भावनाओं को शांत करने के लिए कदम उठाएगी, जो कालका और उनके ग्रुप द्वारा दिखाए गए लालच और अवसरवाद वाली नीति के कारण खुद को ठगा महसूस कर रहे थे। प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा, ‘‘ कमेटी सिख समुदाय के खिलाफ रची जा रही साजिशों के बारे में जागरूक करने के लिए  डीएसजीएमसी सदस्यों की एक मीटिंग भी बुलाएगी’’। वरिष्ठ नेताओं ने सभी डीएसजीएमसी सदस्यों से पंथक परंपराओं का समर्थन करने और ‘पंथ’ के खिलाफ काम करने वालों को खारिज करने की भी अपील की।

इस बीच वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि डी.एस.जी.एम.सी का गठन अकाली दल के निरंतर संघर्ष का परिणाम है। उन्होने कहा कि सिख धार्मिक निकाय के चुनाव अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार हुए थे और जो सभी अपनी जत्थेबंदी बनाना चाहते हैं, उन्हे अकाली दल तथा अन्य गुटों के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ा था।

दिल्ली के वरिष्ठ नेता अवतार सिंह हित ने कहा है कि दिल्ली की सिख संगत अकाली दल के साथ  है। उन्होने कहा कि दिल्ली के सिखा को  यह पूरा विश्वास है कि  सिर्फ अकाली दल की उनका नेतृत्व कर सकता है। वे उन सभी को ठुकरा देंगें, जिन्होने समुदाय के हितों के खिलाफ खड़े होने का फैसला किया है।