शिरोमणी अकाली दल ने सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया को झूठे मामले में फंसाने की साजिश को बेनकाब किया

DALJEET CHEEMA
Haryana assembly trying to obfuscate issue of transfer of Chandigarh to Punjab with resolutions - SAD
दिल्ली हवाई अडडे के टी-4 टर्मिनल पर हुई गुप्त मीटिंग का ब्यौरा दियाजिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री ने की और इसमें गृहमंत्री  और शीर्ष पुलिस अधिकारी शामिल हुए
 कहा कि  अकाली दल के खिलाफ बदलाखोरी की राजनीति करने के लिए पंजाब कांग्रेस ने कानून , न्यायिक प्रक्रिया और संविधान के नियमों का उल्लंघन किया

 चंडीगढ़़/05दिसंबर 2021

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को झूठे केस में फंसाने की कोशिश के बाद पंजाब कांग्रेस ने अब पूर्व मंत्री स. बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करने की साजिश रची है ,तथा उनके खिलाफ धारा 164 सीआएपीसी के तहत मनगढ़ंत शिकायत दर्ज करने की साजिश रची , और इस योजना को अंतिम रूप देने  के लिए कल दिल्ली हवाई अडडे के टर्मिनल 4 लाउंज में मीटिंग भी की।

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वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने यहां प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस साजिश के स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कांग्रेस विधायक कुलबीर जीरा, डीजीपी आईपीएस सहोता, विजिलेंस हेड हरप्रीत सिंह सिद्धू और ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन हेड एस के अस्थाना के साथ स्टेट हेलिकॉप्टर में दिल्ली पहंुंचे।‘‘उनकी मुलाकात टी-4 टर्मिनल के लाउंज में मुख्यमंत्री  चरणजीत सिंह चन्नी से हुई, जिन्होने कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों का पालन किया’’।

डॉ.चीमा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस स. बिक्रम सिंह मजीठिया को झूठे मामले में फंसाने और उन्हे गिरफ्तार करने पर तुली हुई है।‘‘ यहां तक कि कंाग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू, ने भी गिरफ्तारी नही होने पर आमरण अनशन पर बैठने की धमकी दी थी, इस साजिश का हिस्सा हैं। पुलिस अधिकारियों को यह करने पर मजबूर किया जा रहा है, और हाल ही में ब्यूरों ऑफ इन्वेस्टिगेशन में किए गए तबादलों में अर्पित शुक्ला से वरिंदर कुमार और अब एस के अस्थाना जैसे अधिकारियों  में तेजी से बदलाव किया जा रहा है।पंजाब पुलिस को भी नियमित डीजीपी से वंचित किया जा रहा है शीर्ष अधिकारियों को दुविधा में रखा जा रहा है ताकि  यह सुनिश्चित किया जा सके कि कांग्रेस पार्टी के मंसूबों के अनुसार उनमें हेराफेरी की जा सके।

पंजाब कांग्रेस से नशों के मामले में किसी भी तरह की जांच का ढ़ोंग न करने के लिए कहते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार को सुखजिंदर रंधावा, नवजोत सिद्धू और कुलबीर जीरा को एसआईटी को सूचित करना चाहिए और उन्हे मामले दर्ज करने और संक्षिप्त गिरफ्तारी करने की शक्ति देनी चाहिए। अकाली नेता ने कहा,‘‘ ये नेता पुलिस अधिकारियों का दबाव बनाकर और जबरदस्ती करके यही करना चाहते हैं। अकाली नेता ने कहा  कि कानून, न्यायिक प्रक्रिया और संविधान की प्रक्रिया को ताक पर रख दिया गया है।

अकाली नेता ने कहा कि पंजाब कांग्रेस घटनाक्रम के बदलाव से निराश हो गई, खासतौर पर शिरोमणी अकाली दल के साथ जिस तरह से लोग जुड़े हैं वह उनके लिए सभी मोर्चो पर विफलता का कारण बन गई।‘‘  ऐसा लगता है कि केवल अकाली दल अध्यक्ष और स. मजीठिया के खिलाफ मामले दर्ज करने से ही इसके डूबते जहाज को बचाया जा सकता है। यही कारण है कि  पहले यहां राजभवन के गैस्ट हाउस में स. सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ आरपीसी की धारा 164 के तहत झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए झूठा मामला दर्ज करने की साजिश रची गई थी। इस साजिश को अकाली दल ने तुरंत बेनकाब कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि पार्टी की एक पूर्व कार्यकर्ता राजिंदर कौर मीमसा ने स. बादल के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगी। कुछ दिनों बाद मीमसा ने पार्टी द्वारा दिए गए बयान को  प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात को प्रमाणित किया ।

डॉ. चीमा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस का दोष इस बात से साबित हुआ है कि उसने अकाली दल के खुलासे का खंडन नही किया है।उन्होने कहा कि अब फिर से स. मजीठिया को झूठे मुकदमें में फंसाने के मकसद से साजिश रची गई है। यह कहते हुए कि इस तरह की बदलाखोरी की राजनीति अकाली दल कोे किसी भी तरह से डरा नही सकती है कहते हुए डॉ.चीमा ने कहा , ‘‘ पूरी पार्टी लीडरशीप ने अपने अध्यक्ष को झूठे मामले में फंसाने के कदम के विरोध में गिरफ्तारियां दी हैं। हम गिरफ्तारियों से नही डरते। हालांकि हम मुख्यमंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हैं कि उन्हे वरिष्ठ अकाली नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।