राजभवन तक भारी विरोध मार्च, कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी
चंडीगढ़, 08 अगस्त:
शिरोमणी अकाली दल ने राजभवन तक भारी विरोध प्रदर्शन निकालकर आरोपों की जांच की मांग की कि शराब माफिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी आलाकमान को 2000 करोड़ रूपये दिए थे ताकि पंजाब में कांग्रेसी नेताअेां और विधायकों के संरक्षण में चल रहे अवैध शराब कारोबार की किसी भी जांच को विफल किया जा सके।
पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा के नेतृत्व में हुए विशाल मार्च में जहरीली शराब त्रासदी पीड़ित परिवारों के अलावा पटियाला शहरी व आंनदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को राजभवन से दो सौ मीटर की दूरी पर रोका गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तारियां देने से पहले धरना दिया।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि शराब माफिया ने कांग्रेस आलाकमान के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 2000 करोड़ रूपये भेजे थे। उन्होने कहा कि इसकी वजह यह थीी कि पंजाब को कांग्रेस सरकार राजपुरा अवैध डिस्टलरी कम बॉटलिंग प्लांट की तुलना में केस फाइल को प्रवर्तन निदेशालय को सौंपने से इंकार कर रही थी। शराब माफिया जानता है कि अगर केस फाईल ईडी को सौंप दी जाती है तो सभी मूल से लेकर राजनैतिक नेताओं तक सभी बेनकाब हो जाएंगे। यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान को पैसा इसीलिए भेजा गया कि ताकि वह कांग्रेस सरकार पर दबाव न डाले कि वह केस की फाइलें ईडी को सौंपने का दबाव न बनाएं और पंजाब में शराब के अवैध कारोबार की स्वतंत्र तथा निष्पक्ष जांच की अनुमति दे।
प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि इस नए रहस्योदधाटन के साथ ही पता चल गया है कि कांग्रेस आलाकमान की पंजाब में शराब माफिया के साथ मिलीभगत है, इसीलिए राज्यपाल वी पी सिंह बदनौर को राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लीडरशीप वाली कांग्रेस सरकार को तत्काल बर्खास्त कररने की सिफारिश करने के अलावा स्वतंत्र जांच देने के आदेश की बात कही गई थी। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री भी संदेह के घेरे में हैं क्योंकि उन्होने आबकारी पोर्टफोलियो के प्रभारी के रूप में 5600 करोड़ रूपये के उत्पाद शुल्क के नुकसान की अध्यक्षता की थी, इसके अलावा तीन जिलों में जहरीली शराब त्रासदी से बचने के लिए कदम उठाने में नाकाम रहने के कारण लगभग 130 लोगों की मौत हो गई। उन्होने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ंिसह को बर्खास्त करने की आवश्यकता है क्योंकि मुख्यमंत्री पीड़ित परिवारों द्वारा नकली शराब वितरित करने के आरोपी कांग्रेस विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार कर रहे थे। प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री की बर्खास्तगी के बाद ही मामले में न्याय मिल सकता है जिसके बाद दोषी विधायकों के खिलाफ हत्या का आरोप दर्ज किया जाना चाहिए, इसके अलावा अपराध में शामिल कांग्रेस सहयोबियों की दो शराब की भटिटयों को सील करना और सभी दोषियों की संपत्तियां जब्त करनी चाहिए।
अकाली नेता ने गर्वनर से राज्यसभा सांसद और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शमशेर ढ़िल्लों से नकली शराब वितरण में शामिल कांग्रेसी विधायकों की सूची लेने और इस पर तत्काल कार्रवाई करने का भी आग्रह किया।
पूर्व सांसद ने यह भी खुलासा किया कि कांग्रस के मंत्री भी मोहाली जिले में 1000 करोड़ रूपये की पंचायती जमीन देने के लि पंचायतों को प्रस्ताव पारित करने के लिए मजबूर करके दिन दिहाड़े लूटपाट कर रहे हैं। उन्होने कहा कि हाल ही में सरकार ने बारी गांव में और बलोंगी में भी 25 एकड़ से अधिक जमीन लेने का प्रस्ताव पारित करने की कोशिश की थी। उन्होने कहा कि अकाली दल किसी भी कीमत पर पंचायती जमीन को इस तरह से नही लेने देगा।
आज गिरफ्तारी देने वाले नेताओं में कॉरडिनेटर चरनजीत बराड़, हरिंदरपाल चंदूमाजरा, सुरजीत गढ़ी, चरनजीत कालावल, हरपाल जुनेजा, मनजीत मुढ़ढ़ों, परमजीत काहलों, गुरमुख सोहल अवतार मौली, नरदेव अकरी, अमृतपाल खटड़ा, राजविंदर लक्की, सुखबीर अबलोवाल तथा ब्रिगेडियर राजकुमार शामिल थे।

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