— जस्टिस सारोंन से मुलाकात कर उन्हे इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा
चंडीगढ़/25अक्टूबर:
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज गुरुद्वारा चुनाव के मुख्य आयुक्त जस्टिस (सेवानिवृत्त) एस.एस.सरोन से शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के चुनावों के लिए वोटों के लिए पंजीकरण की अवधि तीन महीने बढ़ाने का आग्रह किया है।
अकाली दल अध्यक्ष ने चीफ कमिशन से मिलकर इस संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपकर जस्टिस सरोंन को सिख समुदाय के सदस्यों को अपने वोट पंजीकृत करने में आने वाली समस्याओं से अवगत कराया है।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बड़ी संख्या में मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों से हैं जोकि पिछले एक महीने के दौरान धान की फसल की कटाई में व्यस्त थे और अब गेंहू की फसल बोने के लिए अपने खेत तैयार कर रहे हैं। उन्होने कहा कि यही वह समय भी है जिसके दौरान बंदी छोड़ दिवस मनाया जाता है। उन्होने कहा, ‘‘ इसके बाद दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में सिख समुदाय गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों और माता गुजरी जी के सर्वोच्च बलिदान को चिहिंत करने के लिए शहीदी पंदरवाड़ा मनाया जाता है’’।
सरदार बादल ने कहा कि इसके अलावा, संभावित मतदाताओं ने उनसे मिलकर बताया कि मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया बहुत बोझिल और अव्यवहारिक है। उन्होने कहा, ‘‘ वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार संभावित मतदाताओं को अपने आधार कार्ड/मतदाता पहचान की एक फोटोकाॅपी जमा करवाना आवश्यक है। उन्हे अपना फाॅर्म भी पटवारखाने में जाकर जमा करवाना होगा। उन्होने कहा कि 60 लाख से अधिक संभावित मतदाताओं के लिए व्यक्तिगत रूप से अपने फाॅर्म जमा करवाने के लिए पटवारखाने जाना मुश्किल है। इसके अलावा कई गांवों में फोटोकाॅपी और फोटोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नही है’’।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए चीफ कमिशनर से अनुरोध किया कि पहचान प्रमाणो की फोटोकाॅपी जमा करने की शर्त को आधार संख्या/मतदाता पहचान पत्र संख्या में बदल दिया जाए। उन्होनेे कहा, ‘‘ तस्वीरें जमा करने की शर्त को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है, साथ ही फाॅर्मों को संयुक्त रूप से जमा करने की अनुमति दी जा सकती है’’।
सरदार बादल ने इन सभी मुददों पर विचार करते हुए वोटों के पंजीकरण की समय की अवधि तीन महीने बढ़ा देने का आग्रह किया है। उन्होने कहा कि इससे सिख जनता को एसजीपीसी चुनाव प्रक्रिया में पूरे दिल से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित होगी और गुरुद्वारा चुनाव का उददेश्य भी यही है।

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