आम आदमी पार्टी को रोकने के लिए कैप्टन, कांग्रेस, भाजपा-आरएसएस और सुखबीर बादल ने 2017 में बनाया था संयुक्त फ्रंट
-बादल परिवार ने हमेशा भाजपा और आरएसएस के साथ मिलकर ही राज सत्ता भोगी
-कैप्टन और सुखबीर समेत भाजपा-आरएसएस और कांग्रेस नहीं चाहते कि पंजाब के आम लोगों के बेटे बेटियां सरकार बनाकर अपने मामले हल करें
-मुख्यमंत्री चन्नी भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की राह पर चलकर नरेंद्र मोदी के साथ डील कर चुके हैं
चंडीगढ़, 24 अक्तूबर :-
शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा 2017 के विधानसभा चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस की मदद के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनाए जाने के संबंध में किए खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने आधा सच ही बोला है। जबकि हर कोई जानता है कि आम आदमी पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए कैप्टन-कांग्रेस, भाजपा-आरएसएस और बादल परिवार ने नापाक गठजोड़ बनाया था, जिसके सूत्रधार स्वयं सुखबीर सिंह बादल थे।
पार्टी मुख्यालय में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल की जुबान से कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस का भाजपा व आरएसएस के साथ मिलीभगत का पूरा सच नहीं बोला गया, क्योंकि सुखबीर सिंह बादल और समूचा अकाली दल (बादल) भी भाजपा और आरएसएस के साथ साझेदारी कर पंजाब की राज सत्ता पर काबिज होता रहा है। पंजाब के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के संबंध में सुखबीर बादल को पूरा सच बोलना चाहिए कि भाजपा और आरएसएस की तरह अकाली दल बादल ने अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से कांग्रेस और कैप्टन अमरिंदर सिंह को वोट दें डलवाई थी। लेकिन ऐसा सच बोलने के लिए जागते जमीर की जरूरत होती है, जिसे सत्ता के लालच और पैसे की भूख में बहुत पहले ही गिरवी रख दिया गया था।
हरपाल सिंह चीमा ने सुखबीर सिंह बादल से सवाल पूछा कि क्या लंबी से प्रकाश सिंह बादल को जिताने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और जलालाबाद से सुखबीर सिंह बादल को जिताने के लिए रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा चुनाव लड़ना इसी गठजोड़ का संयुक्त फैसला नहीं था? हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि अकाली दल बादल, कांग्रेस और कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस आज भी मिलीभगत के साथ चल रहे हैं, ताकि आम आदमी पार्टी को पंजाब की राज सत्ता से दूर रखा जाए। इसका उदाहरण यह पार्टियां 2017 के चुनाव के समय पेश कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन और सुखबीर समेत भाजपा व आरएसएस नहीं चाहते कि पंजाब के आम लोगों के बेटे-बेटियां सरकार बनाकर अपने मामले हल करें। यह नहीं चाहते कि आम लोगों के बच्चे अच्छी शिक्षा, बेहतर इलाज हासिल कर सकें। भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार से मुक्त लोक सेवक सरकार का आनंद ले सकें। क्योंकि यदि ऐसा होगा तो इनका माफिया राज खत्म हो जाएगा, जो 75:25 की हिस्सेदारी से चलता है। इसकी पुष्टि पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू कई बार कर चुके हैं।
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हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस, कैप्टन और बादलों की भाजपा व आरएसएस की मिलीभगत जगजाहिर हो चुकी है और इन सभी का रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में है। इसलिए पंजाब के लोग 2022 के चुनाव में इस नापाक मंडली के झूठ का शिकार नहीं होंगे और आम आदमी पार्टी को मौका देंगे। `आप’ नेता ने कहा कि कांग्रेस के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की राह पर चलकर नरेंद्र मोदी के साथ डील कर चुके हैं। इसका सबूत उस समय मिला जब आधे पंजाब को बीएसएफ के जरिए नरेंद्र मोदी के हवाले कर दिया गया। क्योंकि नरेंद्र मोदी जानते हैं कि भाजपा का पंजाब में कोई आधार नहीं है। इसलिए उन्होंने कांग्रेस के मुख्यमंत्री के माध्यम से पंजाब को अपने कब्जे में लेने का काम किया है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी और पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल को पंजाब के लोगों द्वारा दिए जाने वाले प्यार के कारण नरेंद्र मोदी समेत सभी विरोधी दल घबराए हुए हैं। इसलिए नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस, कैप्टन-बादल-बसपा का गठजोड़ किया है, ताकि `आप’ को पंजाब की राज सत्ता में आने से रोका जाए। इस मौके पर हरपाल सिंह चीमा के साथ नेता जगतार सिंह संघेड़ा और गोबिंदर मित्तल उपस्थित रहे।

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