संसद से भागने की तरह ही पंजाब में धोखा दिया: डॉ. चीमा

Daljit Singh Cheema SAD

कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनके मंत्री तथा विधायक किसानों को मैदान ए जंग में अकेला छोड़कर भागे: शिरोमणी अकाली दल

चंडीगढ़/25सिंतबर: शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह , उनके मंत्री तथा कांग्रेसी विधायक आज किसानों को मैदान ए जंग में अकेला छोड़कर भाग गए तथा बहुसंख्यक कांग्रेसी नेता आज के किसानी संघर्ष में किसी भी धरने पर नजर नही आए।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि यह बेहद हैरानी वाली बात है कि आज सिर्फ पंजाब के ही नही बल्कि देश भर में किसानों ने आने साथ हो रहे अन्याय के लिए संघर्ष किया जिसकी घोषणा बहुत पहले ही हो गई थी। शिरोमणी अकाली दल ने भी इस संघर्ष में ‘चक्का जाम’ प्रोग्राम द्वारा भाग लिया तथा किसानों के हितों के लिए डटकर खड़ा रहा पर पंजाब के मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल के साथी तथा कांग्रेस के विधायक आज के किसान धरनों के प्रदर्शन से अलग थलग रहे, जो बेहद निंदनीय है।

डॉ. चीमा ने कहा कि मैदान ए जंग में कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा उनके साथियों का भागना कोई हैरानी वाली बात नही है क्योंकि इससे पहले संसद में उनकी राष्ट्रीय लीडरशीप तथा पंजाब के कांग्रेसी संसद मैंबर कृषि बिलोंके खिलाफ वोटिंग से भाग गए थे। उन्होने कहा कि संसद में भी इन्होने राष्ट्रीय स्तर पर जिनमें श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी, कपिल सिब्बल, श्री पी चिदंबरम, तथा अन्य मुख्य नेताओं ने बिलों के खिलाफ बोलने से परहेज किया तथा सिर्फ पंजाब के संसद मैंगर ही बिलों के खिलाफ बोले पर वोटिंग के समय सदन से भाग गए। उन्होने कहा कि सिर्फ इतना ही नही बल्कि कांग्रेस ने अपनी महाराष्ट्र के गठजोड़ शिव सेना के साथ इन बिलों के हक में वोटें डलवाईं। इन्होने पूछकर वोटें नही डाली तो फिर कांग्रेस को महाराष्ट्र में शिव सेना से समर्थन वापिस लेना चाहिए था।

डॉ. चीमा ने कहा कि आज पंजाब में भी कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ आंखों में धूल झोंकने का काम किया है क्योंकि कांग्रेस दिल से चाहती थी कि इस तरीके का कानून बने। उन्होने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ंिसह सरकार ने 2017 में एपीएमसी एक्ट में आप संशोधन किया तथा 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव घोषणा पत्र में यह खत्म करने की बात शामिल की गई थी।

अकाली नेता ने कहा कि इस का बड़ा कारण यह है कि कांग्रेस लगातार कोशिश करती आ रही है कि इस तरीके का कानून देश में लाया जाए तथा पंजाब में लाया भी गया।

उन्होने कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने तो पहले ही संसद में खेती बिलों के खिलाफ वोट भी डाली तथा पार्टी के मंत्रिमंडल में मैंबर सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा भी दिया तथा आज पार्टी केडर सड़कों पर भी उतरा तथा बेहद अफसोस की बात है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनके मंत्री तथा साथी बहु गिनती कांग्रेस के विधायक तथा वरिष्ठ नेता आज के रोष प्रदर्शन से दूर रहे तथा किसानों को उनके हाल पर अकेला छोड़ दिया।