मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय सेक्टर 36-ए, चंडीगढ़ में एमसीएम सोफीज़ क्लब ने विश्व दर्शन दिवस मनाया। यह समारोह “दी ह्यूमन ऑफ़ दी फ्यूचर” विषय पर केंद्रित रहा, जिसमें तकनीकी प्रगति, नैतिक दुविधाओं और मानव जाति के अस्तित्व संबंधी प्रश्नों के महत्व पर प्रकाश डाला गया। विश्व दर्शन दिवस यूनेस्को द्वारा घोषित एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है जिसे नवंबर के हर तीसरे गुरुवार को मनाया जाता है जो इस साल 16 नवंबर को था। हमारे युग की निरंतर तकनीकी प्रगति और नैतिक दायित्वों और प्रश्नों की पृष्ठभूमि में “भविष्य का मानव” अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम की शुरुआत विश्व दर्शन दिवस के महत्व पर परिचयात्मक सत्र के साथ हुई। इसके बाद इच्छामृत्यु जैसे संवेदनशील विषय पर केंद्रित एक विचारोत्तेजक नाटक प्रस्तुत किया गया। इसका उद्देश्य नैतिक दुविधाओं से घिरे जीवन के अंत में विभिन्न दृष्टिकोणों को जानना था। कथा ने दर्शकों को अपने विचारों का आकलन करने और सामाजिक मानदंडों पर सवाल उठाने के लिए मजबूर कर दिया, जिससे श्रोताओं ने विषय की गहरी समझ प्राप्त की । कार्यक्रम का समापन एक मेंटी क्विज़ के साथ हुआ जिसमें प्रतिभागियों को रियल टाइम क्विज़ में भाग लेने और सवालों के जवाब देने के लिए आमंत्रित किया गया, जिससे प्रतिभागियों में विचारों का गतिशील आदान-प्रदान हुआ। कॉलेज प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने एमसीएम सोफीज़ क्लब के प्रयासों और इच्छामृत्यु की नाटकीय प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह दिन सार्थक संवाद के साथ मनाना समकालीन चुनौतियों से निपटने में दर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

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